देसी वाइफ सोनू बनी लंड लेने की मशीन!

मेरा नाम मनु है और मेरी उमर ३४ साल है मैं दिल्ली में रहता हूँ, मेरी बीवी का नाम सोनू है और उसकी उमर भी २५ साल है हम दोनों के एक बच्चा है ५ साल का. सोनू का ५ साल का बच्चा होने के बाद भी फिगर इतना आकर्षक है कि उसको अगर कोई देख ले तो सिर्फ़ एक ही ख्याल उसके दिमाग में आता है कि काश मैं इसकी चुदाई कर पाता, वो भी नंगी करके. उसका फिगर है भी क़यामत ३६ इंच के मोटे मोटे बाहर को तने हुए चुचे, २८ इंच की कमर, ३८ इंच की मोटी गोल गोल गांड. गांड देख कर तो गांड को फाड़ डालने का ही ख्याल आता है.

वो कपड़े भी ऐसे पहनती है कि मज़ा आ जाता है. चूड़ीदार पजामी पर नीचे गले का सूट जिसमें से उसके मोटे चुचे झांकते रहते हैं.

चलो खैर क्या बताऊँ उसके बारे में. बिस्तर पर भी वो चुदाई में मेरा पूरा साथ देती है. बिस्तर पर मैं नहीं वो मुझे चोदती है. हर तरह का आसन उसे आता है. लण्ड चूसने में तो वो एक्सपर्ट है.

मेरा एक दोस्त है सुनील. वो थोड़ा बात करने में बहुत तेज़ है. वो भी शादीशुदा है उसकी बीवी बबली अभी छोटी है.

मेरा मन करता है उसकी बीवी के छोटे छोटे चुचे मुँह में ले कर चूसता रहूं और उसकी टाइट चूत में लण्ड डाल कर अपने लण्ड को छलनी कर दूं. पर क्या करूं. सोच ही सकता हूँ.

काश ऐसा होता सुनील मेरे सामने सोनू को चोदता और मैं सुनील के सामने बबली को चोदूं.

खैर असल कहानी यहीं से शुरू होती है ……..

सुनील और सोनू अक्सर बातें किया करते थे, मेरे सामने भी और मेरे पीछे भी. पर क्या करते थे, मैं नहीं जानता था. मैं सोचता था सामान्य बात होती होंगी.

पर मैं ये भी जानता था सुनील बहुत बड़ा चोदू है, वो लड़कियों और औरतों को जल्द ही पटा लेता था और समझ जाता था कि औरत क्या चाहती है.

पता नहीं घर पर एक टाइट चूत होते हुए भी क्यों वो बाहर मुँह मारता था. खैर.

एक बार मैं और सोनू सुनील के घर पार्टी पर गए हुए थे हमारा बच्चा दादी के घर पर था.

रात को दारू पार्टी हुई और सभी ने जमकर दारू पी. रात होने पर सभी अपने घर चले गए पर मैं वहीं रह गया क्योंकि मुझे कुछ ज्यादा ही चढ़ गई थी. मैं एक कमरे में जा कर सो गया. कुछ रात होने पर मेरी नींद प्यास के कारण खुल गई. मैं पानी पीने किचन पर गया तो देखा सुनील के बेडरूम की खिड़की पर कोई खड़ा है.

पास जाकर देखा तो सोनू थी पहले तो मुझे देख कर थोड़ा सकपका गई. पर जब मैंने देख ही लिया था तो मुझे चुप रहने का इशारा करके मुझे अन्दर दिखाने लगी. अन्दर का सीन देखते ही मेरे लण्ड का पानी छुटने को हुआ अन्दर सोफे पर बबली बिल्कुल नंगी होकर कुतिया वाले पोज़ में खड़ी है और सुनील उसकी जमकर गांड में लण्ड पेले जा रहा है. बबली जोर जोर से चीख रही है- बस करो जी अब.

पर सुनील रुक ही नहीं रहा है. धकाधक गांड का कुंआ बनाए जा रहा था.

पता नहीं बबली को मज़े आ रहे थे या नहीं पर वो भी आपनी गांड को जोर जोर से हिलाए जा रही थी और चीखे जा रही थी.
ये देख कर मैंने सोनू से कहा,” अरे रे रे. बेचारी की चूत तो इतनी टाइट है पर न जाने इस सुनील को क्या मज़े चाहिएँ जो इसको इस तरह से चोद रहा है.”

तब सोनू ने कहा- नहीं. ये बात नहीं है. मैं तो शुरू से देख रही हूँ सुनील जिस तरह से चुदाई चाहता है उस तरह से बबली नहीं कर पा रही है. वो बेचारी वैसे ही इतनी छोटी है उसको क्या पता सेक्स के बारे में इतना. उसको तो सिर्फ़ बिस्तर पर लेट कर अपनी टांगें खोल कर लण्ड लेने की आदत है. उसे क्या पता कि क्या होता है लण्ड चूसना, गांड मरवाना, घोड़ी बनकर चुदना वगेरह वगेरह. हर कोई मेरी तरह थोड़े ही होता है.

सच में सोनू ने ये सही कहा था.

” वैसे मनु. सुनील का लण्ड भी तो बहुत बड़ा है. तुमसे कम से कम २ इंच तो लंबा होगा ही और मोटा भी बहुत है.” मैं ये सुनकर थोड़ा मुस्कराया और सोनू को देखने लगा. उसकी आंखों में भी एक शरारत थी.

” तो फिर तुम ही क्यो नहीं पहुँच जाती उसके पास. बबली को भी आराम आ जाएगा.” ऐसा कहकर मैं चला गया सोने के लिए वापस.

मैं बिस्तर पर तो लेट गया पर नींद आँखों में नहीं थी. सोचता रहा मेरा लण्ड बबली के लिए परफेक्ट है और सुनील का सोनू के लिए. क्यों न ……….?

ऐसा सोचते सोचते थोड़ा टाइम हुआ तो मैं फिर सोचने लगा- नहीं यार सोनू तैयार नहीं होगी इसके लिए. बबली को तो मैं जबरदस्ती चोद भी सकता हूँ वो कुछ भी नहीं कहेगी.

पर सोनू ….?

एक बार फिर मैं सुनील के कमरे की तरफ़ बड़ा तो सोनू वहाँ नहीं थी. कहाँ गई होगी?

मैंने कमरे में देखा तो वहाँ अँधेरा था.

अन्दर गया और लाईट जला कर देखा तो वहाँ सिर्फ़ बबली थी. वो सो रही थी उसने सिर्फ़ मेक्सी पहन रखी थी. और वो भी पारदर्शक. उसमें उसके छोटे छोटे सीधे खड़े हुए चुचे झलक रहे थे. मेक्सी भी जांघों से ऊपर आ रही थी.

मैंने हल्का सा हिम्मत करके उसकी मेक्सी को ऊपर उठाया तो हाय. ये क्या …?

बिल्कुल चिकनी चूत. मन कर रहा था अपनी जीभ लेकर घुसा दूँ उसमें और पी जाऊं सारा रस. चूत देखकर लग रहा था कि कब से इसको किसी ने चोदा नहीं था. सुनील तो गांड में ही लगा रहता है. पर मैंने देखा सोनू और सुनील कहाँ है ? मैंने सोचा चलो थोडी देर में आकर इस चूत को भी देखते हैं पर पहले अपनी चूत …… मतलब अपनी बीवी को तो देखूँ कहाँ है वो.

सोनू को खोजते हुए में दूसरे कमरे की तरफ़ पहुँचा तो एक कमरे से लाईट जलती देख कर उधर गया तो अन्दर का नज़ारा देखते ही सन्न रह गया ..!

अन्दर चुदाई का ऐसा खेल चल रहा था जिसमे सोनू अपने नंगे बदन को दो दो मर्दों को सौंप उनके नंगे जिस्म से अपनी प्यास को बुझा रही थी.

अन्दर सोनू बिल्कुल नंगी होकर घुटनों के बल बैठी थी. उसके सामने सुनील अपना लण्ड उसके मुँह में डाल कर हिलाए जा रहा था और सोनू उसे चूसे जा रही थी. सुनील का लण्ड उसके मुँह में पूरा भी नहीं आ रहा था. पर सोनू मदमस्त होकर ऐसे चूस रही थी जैसे आज तक लण्ड मिला ही न हो.

उधर एक और शख्स दीपक था मेरा एक और दोस्त वो पता नहीं कब वापस आया था, वो भी बिल्कुल नंगा था शायद अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा हो.

दीपक ने सोनू की कमर में हाथ रख कर उसे उठाया और उसकी गांड को ठीक अपने लण्ड की पोसिशन में ले आया. ठीक सोनू की चूत के सामने आते ही दीपक ने अपना लण्ड उसकी चूत में पेल दिया.

आह. मर गई ईई इ इ क्या शोट मारा है तूने दीपक मज़ा आ गया.

उधर सुनील लण्ड चुसाये जा रहा था.फिर जो दीपक ने झटके मारने शुरू किए तो रुका ही नहीं.

पट. पट की आवाज़ कमरे में गूंज रही थी साथ साथ सोनू की भी चीखें अहा मार डाला.!!!! कितना मज़ा दे रहा है तेरा लण्ड दीपक.

बड़ी देर तक उसी पोज़ में चोदने के बाद सोनू ने पोज़ बदला और सुनील के मोटे लण्ड को पकड़ कर उसको बिस्तर पर लेटा कर उसके लण्ड को अपनी चूत में समां ले गई, अब सोनू सुनील के ऊपर थी और सुनील का लण्ड सोनू की चूत पर था दीपक सोनू के सामने आ गया और अपना लण्ड उसके मुँह में डाल दिया

आह.!!!!! क्या मज़े का दिन है दो दो लण्ड एक साथ काश तीसरा भी होता तो!!!!!!!?

सोनू दीपक का लण्ड चूसती जा रही थी और सुनील के लण्ड पर अपनी गांड हिलाए जा रही थी सुनील को पूरा मज़ा आ रहा था.

तभी सोनू ने दीपक को कहा- दीपक. क्यों ना तू मेरे इसी पोज़ में मेरे पीछे आए और मेरी गांड में अपना लण्ड घुसाए?

दीपक ने कहा- हाँ हाँ! क्यों नहीं. भाभी जी. जैसी आपकी इच्छा.

और दीपक सोनू के पीछे आ गया और किसी तरह सोनू की सहायता से अपना लण्ड उसकी गांड में डालने में सफल हो गया.

अब तो जो चुदाई चल रही थी वो किसी ब्लू फ़िल्म से कम नहीं थी सोनू अपनी गांड को आगे करती तो सुनील को मज़ा आता अगर पीछे करती तो दीपक को और सोनू को तो मज़ा आ ही रहा था. ऐसा करते करते जब तीनों थक गए तब जाकर तीनों अलग हुए अब सुनील ने सोनू को साधारण आसन में चोदा.

मतलब सोनू की दोनों टांगे खोल कर टांगों के बीच में ख़ुद लेट कर धक्का पेली करते हुए.

जैसे ही सुनील झड़ने को हुआ तभी उसने अपना लण्ड निकल कर सोनू के मुँह पर धार मार दी सोनू बड़े प्यार से उसे चाटने लगी तब दीपक ने भी ऐसा ही किया वैसे ही सोनू को चोद कर उसके मुँह में अपना माल झाड़ दिया.

फिर उस रात वो दोनों सोनू को बारी बारी से अपने पोज़ में चोदते रहे और सोनू भी उनका पूरा साथ देती रही.

आज की तारीख में ये हाल है कि मेरे सारे दोस्त सोनू को चोद चुके हैं.