गाँव की लडकी की देसी चूत फाड़ दी तांडव मचाते हुए लंड ने

दोस्तो मेरा नाम रुची है में बोहोत ही मस्त माल लगती हूं…! मेरी 34की चूची, रसीली 28की कमर और मस्त मटकती उभरी हुई गोल-गोल 36की गांड देख कर मुर्दों के भी लन्ड खड़े हो जाते है मेरे आस पास रहने वाला हर आदमी मेरे फुल की पंखुड़ियों जैसे गुलाबी होटों का रसपान करना चाहता है बोहोत सारे आशिक अपनी आशकी आजमाने भी आए मगर मै हर किसी को घास नहीं डालती हूं… जो मेरे मन को भाता है उसको में अपनी चूत सोप देती हूं.

दोस्तो ये तो हुई बात अभी की जब में जवान हो चुकी थी और न जाने कितने लन्ड खा चुकी थी. मगर आज में आपको सुनाने जा रही हूं अपने बचपन की पहली और बिल्कुल सच्ची चूदाई की कहानी.. की केसे फटी मेरी चूत रानी… तो देरी न करते हुवे बढ़ते है कहनी की तरफ…

तो जैसा की मेने बताया कि ये मेरे बचपन की चूदाई की कहनी है मतलब की जब में 18 साल की नासमझ बच्ची थी.. मगर मेरी उम्र की कई सारी मेरी फ्रेंड्स जो की मेरे साथ स्कूल में पढ़ती थी वो किसी न किसी से चूद चुकी थी और मुझे भी अपनी चूदाई की कहानियां बताया करती थी.

तब मेरे मन में भी एक सवाल आ ही जाता था की आखिर ये चूदाई क्या है और कैसे होती है जो हर कोई इसका दीवाना हैं मेरी एक फ्रैंड ने बताया कि उसके मामा ही उसे गोद में उठा कर चोदते है और उसके मामा ने ही उसकी सील तोडी है मगर मुझे तो अब तक ये भी पता नही था की सील क्या होती है.

और इसका टूटना क्या होता है तो कहानी शुरू होती है मेरे घर से. मेरे घर में मे, मम्मी-पापा,और मेरा बड़ा भाई जो की मुझ से 3साल बड़ा था यूं तो हम दोनो भाई बहन बोहोत लड़ते झगड़ते थे मगर दोनो एक दूसरे से दूर भी नही रहते थे मेरा घर भी छोटा था 2रूम दोनो रूम में बॉथरूम और एक छोटा सा हाल और 1 किचन था.

घर में काफी स्ट्रिक्ट माहोल था पापा थोड़े गुस्से वाले थे जिनको हमारा फिजूल में कही भी आना जाना पसंद नही था. जिसके कारण हमे बाहर के फिजूल बातो के बारे में कुछ खास पता भी नही था तो में और मेरा भाई घर में ही खेलते पड़ते झगड़ते और दोनो एक ही रूम में सोते थे घर का माहोल तो काफी संस्कारों वाला था.

मगर दोस्तो की बाते सुन कर मुझ में कुछ अलग सी खुवाहिशे जागने लगी तो में अपनी खुवाहिशो की और बढ़ते हुवे जब भी मोका मिलता तो भाई को या पापा को बाथरूम में छुपके छुपके देखने लगी मगर कभी कुछ खास देख न सकी. मगर एक दिन ऐसा आया मेरी खुवाहिसे पूरी होने लगी.

भाई को दोपहर में नींद आ गई वो अपने कमरे में सो रहा था और पापा भी उस दिन आधी छुट्टी में ही घर आ गए थे तब में होल में बैठ कर Tv देख रही थी तभी Tv देखते देखते मेरा ध्यान गया की पापा मम्मी कही दिख नही रहे थे और मुझे खाना भी खाना था तो में मम्मी-पापा के रूम की तरफ गई.

तो मेने देखा गेट लगा हुवा है में गेट के पास गई और जा कर थोड़ा हिलाया तो गेट खुल गया शायद ठीक से लगा नही था और गेट के खुलते ही जो मेने देखा मेरी आंखे खुली की खुली रह गई मैने देखा कि मम्मी-पापा दोनो पूरे नंगे थे और पापा बेड पर लेटे हुवे थे मम्मी उनके लन्ड को लॉलीपॉप की तरह अंदर बहार करते हुवे चूसे जा रही थी.

और जो भी थोड़ा सफेद सफेद निकलता वो जल्दी से पूरा चाट जाति और जो होटो पर लग जाता उसे उंगली से बड़ी अजीब तरह से पापा को देखते हुवे अपनी जीभ से चाट लेती मम्मी पापा के लन्ड को बड़े प्यार से चूस रही थीं और पापा मम्मी के बूब्स दबा रहें थे मम्मी लन्ड चुस्ते-चुस्ते बड़ी कामुक आह्ह्ह्ह् उम्हाह्ह ओहोह्ह्ह शोनाआह्हह्ह आह्ह्ह्ह्ह की सिसकारियां ले रही थी.

इतने में पापा ने मम्मी का सर अपने लन्ड पर जोर से दबा दिया शायद वो झड़ चुके थे और अपना सारा माल मम्मी के मुंह में उढेल चुके थे मम्मी ने भी एक बूंद तक बर्बाद नही करते हुवे पापा का सारा माल पी गई और जो लन्ड पर लगा हुवा था उसे चाट कर लन्ड बिल्कुल साफ कर दिया!

अब पापा का वो 7-8का लन्ड मुरझा कर 5-6 का ही रह गया था मगर मेरी किस्मत उस दिन साथ दे रही थी अभी तक उन्होंने चूदाई नही की थी अब तक उन्होंने सिर्फ चुसाई ही की थी और मम्मी की आग अब भी भड़की हुई थी इस लिए मम्मी फिर से पापा के लन्ड को जगाने के लिए उस पर हाथ फेरने लगी और किस करने लगी.

पापा भी बड़ी मस्ती से मम्मी के एक मम्मे को मुंह में ले कर चूस रहे थे और दूसरे को हाथ में ले कर मसल रहे थे और मम्मी पापा के लन्ड को हाथ से हिलाते हुवे मुंह से उम्हाह्ह् आह्ह्हह्हह्ह उईईई अअह्ह्ह्ह की सिसकारी निकाल रही थी इतने में पापा का मुरझाया 5का लन्ड फिर से 7-8 का हो गया.

मेरे लिए तो वो बड़ा भयानक लंबे काले साप के जैसा लग रहा था क्योंकि मेरी चूत तो उस लन्ड के लिए बोहोत ही छोटी थी अब मम्मी बिना देरी किए सर को झुकाते हुवे अपने हातो के बल घोड़ी बन गई और बोली आह्ह्ह उम्ह्ह्हह्हा शोनाह्ह आओ डालो और पापा ने भी बिना देरी किए अपने उस भयानक काले साप को मम्मी की चूत में डाल दिया.

और पापा का लन्ड भी चूत गीली होने की वजह से घचसे धस गया और पूरा की पूरा एक ही झटके में मम्मी की चूत की फाकों को चीरते हुवे पूरा अंदर चला गया पापा का लन्ड मम्मी की चूत में घुसा था मगर दर मुझे ऐसा लगा जैसे मानो मेरी ही चूत में गुसा हो अब पापा धीरे धीरे धक्के मारते हुवे मम्मी को चोद रहे थे और साथ में किस कर रहे थे ओर बूब्स भी दबा रहे थे.

मम्मी के बूब्स भी बड़े कमाल के थे बोहोत गोरे और साफ चमकदार रंग चॉकलेटी चूंची. शायद इसी लिए पापा मम्मी के मम्मो के दीवाने थे अब मम्मी बेड को पकड़ कर घोड़ी बनी हुई थी पापा ने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी थी पापा जोर जोर से मम्मी को पीछे से धक्के पर धक्के दिए जा रहे थे और आगे मम्मी के रसीले बोबे हर धक्के पर मस्ती से झूल रहे थे.

कुछ देर जोरदार चूदाई के बाद पापा फिर से ठंडे हो गए और मम्मी के ऊपर ही लेट गए. इतने में पीछे से मुझे किसीने छूवा तो मेने देखा कि भाई खड़ा था और पेंट के ऊपर से ही अपने लन्ड पर हाथ फेर रहा था शायद उसने भी पूरा नजारा देखा था न जाने वो कब नींद में से उठ कर मेरे पीछे आ कर खड़ा हो गया.

में उसे देखते ही सर नीचे कर के वहा से अपने रूम में आ गई और मेरे पीछे पीछे वो भी आ गया और सीधा बाथरूम में चला गया मेने देखा की उसने बाथरूम का गेट खुला छोड़ दिया था शायद जानभुज कर छोड़ा था ताकी में जा कर उसे देख सकू. मगर उसे मेरे पीछे एक दम से देख कर में डर गई थी इसलिए अब बाथरूम के पास जाने की मेरी हिम्मत न हुई.

दोस्तो मम्मी की चूदाई की कहानी सुनते हुवे अगर आप सब बोर हुवे हो तो माफी चाहती हू..! मगर मेने मम्मी की पूरी चूदाई इस लिए सुनाई ताकि मेरी चूदाई सुनते वक्त आपको और भी ज्यादा मजा आए. तो दोस्तो फिर से कहानी की ओर आते, में रूम में आ कर चुप चाप आंखे बंद करके लेटी थी.

दोस्तो माना में उस वक्त छोटी थी मगर उस वक्त भी मेरी गांड उभरी हुई और गोल गोल थी और पूरे बदन में मैरी उम्र के हिसाब से कुछ ज्यादा ही गर्मी दिखती थी मेरी चिकनी कड़क जांघें बोहोत ही मस्त और रसीली लगती थी जब में छोटी शॉर्ट पेंट पहनती थी अब भाई बाथरूम से निकल कर आया और मेरे पास आ कर लेट गया.

मुझे लगा भाई मुझे डाटेगा या फिर मम्मी को बुलूंगा ऐसे कह कर डराएगा मगर शायद उसका इरादा कुछ और ही था. दोस्तो में तो छोटी कच्ची कली थी मगर मेरा भाई जवानी में कदम रख रहा था और उसे चूदाई का नॉलेज भी था मैंने सुना भी था की उसकी कोई गर्लफ्रेंड भी हे ये सब सोचते सोचते मेरी आंख लग गई.

और शाम की 6बजे करीब मेरी नींद खुली में उठ कर बॉथरूम गई और हाथ मुंह धो कर फ्रेश हुई और मम्मी के पास किचन में चली गई अब तो मम्मी या पापा को जब भी देखती बस वो चूदाई वाला सीन याद आ रहा था और कही मन ही नही लग रहा था और कुछ हद तक चुदने की इच्छा मुझ में भी जगने लगी..!

फिर 7:30बजे करीब हमने खाना खाया और और 8बजे तक में फिर से अपने रूम में चली गई और लेट गई मगर दिन में सोने के कारण अब मुझे नींद ही नही आ रही थी और बार बार वहीं चूदाई दिख रही थी तो में मन भलाने के लिए अपने स्कूल का होमवर्क करने लगी इतने में भाई आया और मेरे पास आ कर बैठ गया और मेरे गले में हाथ डालते हुवे बोला क्या कर रही है मोटी?

तो में बोली दिख नही रहा होमवर्क, तो वो बोला दोपहर में क्या कर रही थी मेने फिर सर झुका लिया और बोली कुछ भी तो नही किया वो बोला जूठी तू छुपके छुपके मम्मी पापा को चूदाई करते हुवे देख रही थी न ? तो में बोली चूदाई..? हा दोस्तो में इतनी देर से बोल जरूर रहीं हू मगर उस वक्त मुझे पता भी नही था की चूत और लन्ड किसे कहते” तो में भाई से पूछी चूदाई मतलब..?

तो भाई बोला हा जो मम्मी पापा कर रहे थे उसको चूदाई. बोलते है तो मेने ऐसे ही बिना रिएक्ट के अच्छा बोला और चुप हो गई तो भाई बोला तेरे को अच्छा लगा देखने में. तो मेने मना कर दिया भाई बोला हट जूठी सुबह तो बड़े मजे से देख रही थी. फिर में बोली वो तो बस ऐसे ही तब भाई ने धीरे से मेरी तरफ देखते हुवे बोला तुझे भी करना है..! तो में बोली मतलब..?

भाई बोला हा अगर हम दोनो करे तो! मेने मना कर दिया भाई बोला क्यों.! तुझे ये करने का मन नहीं है? तो अब में भी भाई से शर्म तोड़ते हुवे बात करने लगी और बोली देख कर तो अच्छा लगा मन भी करता है मगर मेरी फ्रेंड्स ने बताया कि पहली बार बोहोत दर्द होता है इस लिए डर लगता है.

तो भाई बोला तेरी फ्रैंड ने ये नही बताया कि उस दर्द के बाद कितना मजा आता है तो में बोली हा बताया है मगर मुझे डर लगता है भाई, तो अब भाई मेरे गालों पर हाथ फेरते हुवे मुझे दिलासा दे रहा था की डर मत में धीरे से करूंगा आराम से ज्यादा दर्द नही होने दूंगा तो धीरे धीरे अब मेरा मन भी करने लगा था.

क्योंकि मुझे मम्मी का वो सीन जिसमे मम्मी चूदाई करते समय बड़े मजे से झूम रही थी. तो में अब सोचने लगी की मजा तो आता ही होगा तबही तो सब इतने मजे से करते है और मेने सर हिलाते हुवे ठीक है बोल कर हा कर दिया भाई खुश होते हुवे तो बोला कहा से सुरू करे मेरी लाडली बहना तो में बोली जैसे मम्मी लॉलीपॉप चूस रही थी.

वैसे ही मुझे भी चूसना है शायद उसमे ज्यादा मजा आता है तो भाई हस्ते हुवे बोला मेरी बहना देखती जा मजा किसे कहते हैं तुझे आज पता चले गा और भाई ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया इधर मेने भी थोड़ी शर्म के साथ अपने कपड़े उतार ही दिए और सिर्फ रेड कलर की मिक्की माउस वाली चड्डी ही रहने दी.

अब भाई अपने लन्ड को हाथ में ले कर उसके ऊपर की स्किन को आगे पीछे करते हुवे बोला ले छोटी आजा चूस ले अपना लॉलीपॉप भाई मुझे कुछ अलग ही अंदाज में दिख रहा था अलग ही भाषा बोल रहा था तो मेने सोचा शायद ये चूदाई चीज ही ऐसी है जो हर किसी के अंदाज बदल देती है मेने भाई का लन्ड हाथ में लिया और देखने लगी.

पहली बार उसको छूना मुझे बोहोत अछा लग रहा था इतने में भाई बोला देख क्या रही है अपनी लॉलीपॉप को चूसेगी नही? में अब धीरे धीरे मम्मी को याद करते हुवे भाई के लन्ड के पास अपने मुंह को ले गईं भाई का लन्ड भी कोई ज्यादा छोटा नहीं था ये भी करीब 6.5 का था मेरी चूत के लिऐ अभी काफी था.

अब में भाई के लन्ड के पास मुंह ले गई तो मुझे घिन सी आने लगी में भाई को मना करने लगी तो भाई बोला आज आंखे बंद करके सब करती जा ले ले एक बार आंख बंद कर के मुंह में बाद में बोहोत मजा आयेगा. मेने भी ऐसा ही किया आंखे बंद करके मुंह में ले ही लीया मगर अभी भी अच्छा नहीं लग रहा तो फिर में थोड़ा मुंह बिगाड़ते हुवे जीभ से अंदर ही अंदर चाटने लगी.

अब थोड़ा हल्का-हल्का नमकीन सा स्वाद आने लगा कुछ चिप चिपा मुंह में अजीब लग रहा था इधर भाई भी अब आगे पीछे होते हुवे अपने लन्ड को मेरे मुंह में अंदर बहार करने लगा मुझे भी धीरे धीर वो नमकीन सा स्वाद अच्छा लगने लगा. आंखे खुल गई थी और घिन नाम की चीज को भूल कर अब मजे से में भी लॉलीपॉप चूस रही थी.

इतने में भाई ने एकदम से अपना लन्ड मेरे मुंह से निकाल लिया और एक चिप चिपी पिचकारी मेरी बिलकुल कच्ची छोटी सी चुचियों पर डाल दी और भाई ने मुझे बेड पर बैठने के लिए कहा तो में बेड पर जा कर बैठ गई भाई भी नीचे गुठनो के बल बैठ कर मेरी नन्ही सी कच्ची चुचियों पर अपने गर्म माल से मालिश करने लगा.

पहली बार अपनी कच्ची लाल चुचियों पर भाई का हाथ गर्म लावे के साथ फिर रहा था जो मुझे कच्ची उम्र में भी मदहोश कर रहा था मेरी आंखे मस्ती में बंद होने लगी और में भी किसी जवान कमसिन चुदासी लड़की की तरह ऊआह्ह्ह अअह्ह्ह्हह मुन्हह्हह आईशिह्हह करते हुवे धीमी आवाज में सिसकारियां लेने लगी.

ये सब देख कर मेरा भाई भी दंग था की उसकी छोटी सी बहन जो अभी बिल्कुल कच्ची कली थी उसमे इतनी गर्मी और वासना केसे भरी हुई थी अब भाई एक हाथ से मेरी चूचियों को मसल रहा था और एक चूंची को मुंह में ले कर जोर जोर चूसने लगा मुझे बोहोत दर्द होने लगा तो में भाई को रुकने के लिए बोलने लगी मगर भाई रुकने का नाम नहीं ले रहा था.

हा मगर अब मेरे मना करने पर वो थोड़ा धीरे करने लगा था मेरी चूची के दानों को वो अब अपनी जीभ से ऊपर ऊपर से ही चाट रहा था तो धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा. बदन में अजीब सी झुनझुनी के साथ एक अलग सी मस्ती चढ़ रही थी और पहली बार अब मेरी चूत पानी छोड़ रही थी मेरा मिक्की-माउस मेरी चूत से निकलती गर्मी में भीग रहा था तो भाई ने अब मेरी चड्डी भी निकाल फेकी.

अब में पूरी तरह नंगी थी और मेरी कुंवारी मासूम बिना बालों वाली बिल्कुल चिकनी और फूली हुई चूत भाई के सामने थी. भाई मेरी परफेक्ट शेप में बनी चूत को देख कर दीवाना हो गया और मेरे माल से लतपत चूत पर एक जोरदार किस कर दिया भाई के हॉट मेरी कुंवारी चूत पर लगते ही मे आंखे बंद करके अपने बदन को खींचने लगी.

और अपने आप भाई के सर को अपनी चूत पर दबाने लगी भाई ने भी करीब 5-7मिनट तक मेरी चूत का जबरजस्त रसपान किया और अब बारी थी मेरी चूत के दरवाजे खुलने की. दोस्तो में तो एक बार झड़ ही चुकी थी लेकिन भाई का लन्ड एक बार झड़ने के बाद भी किसी लोहे की रॉड जैसा कड़क ही था और जिस तरह से भाई मुझे गर्म करके चोद रहा था.

मुझे लगा कि भाई को चूदाई का बोहोत एक्सप्रिंस है मगर मेने कुछ पूछा नही बस चुप चाप लेटी रही. भाई अब मेरी नन्ही कुंवारी चूत के पास आया मेरी टांगो को हल्की सी चौड़ी करी और दोनो टांगो के बीच आ कर वो घुटनो के बाल बैठ गया भाई मेरी चूत के सामने अपना लन्ड लाया तो मुझे डर सा लगने लगा.

मेने अपनी आंखे बंद कर ली और भाई ने अपने हातो से मेरी चूत की फाकों को अलग करते हुवे अपने लन्ड को मेरी कुंवारी चूत पर सेट करने लगा भाई ने जैसे ही मेरी चूत से अपने लन्ड को मेरी चूत के छेद से चिपकाया मेरे पूरे बदन में करंट सा दौड़ गया, भाई अब मेरी आंखों में देखते हुवे मेरी चूत पर दबाव बनाने लगा उसने हल्का सा दबाव बनाया.

मगर मुझे बोहोत जोरो से दर्द होने लगा तो मेने अपने आपको ऊपर खींचते हुवे भाई को अलग कर दिया तो भाई बोला क्या हो गया डर मत अगली में हु न बस आज पहली बार सहन कर ले..! तो में बोली की तूने बोला था दर्द नही होने देगा भाई बोला हा मेरी जान तू डर मत में जितना हो सकता है उतना आराम से कर रहा हु मगर बोहोत मजे के लिए थोडा दर्द तो सहना होगा न ”बाबू”.

तो में फिरसे पहले जैसे ही लेट गई भाई ने भी फिर वही प्रक्रिया करते हुवे मेरी चूत. मैं आराम से अपने लन्ड को दबाने लगा मगर फिर भी मेरी आखों से आसू निकलने लगे और में दर्द से तड़पने लगी मेरी आवाज जोर से न निकल जाए इस लिए भाई मेरे होटों पर किस करने लगा और मेरे दर्द को समझते हुवे मेरी चूत पर लन्ड टिका कर थोड़ी देर भाई रुक गया और मेरी आखों से आशु पोछने लगा.

दोस्तो मेरा भाई इस वक्त वासना में डूबकर मुझे चोद रहा जरूर था मगर प्यार भी वो मुझसे बोहोत करता था मुझे दर्द न हो इस बात का वो पूरा ध्यान रख रहा था 5मिनट किस करते करते अब मेरा ध्यान चूत के दर्द से हट कर होटों का रसपान करने मे था जबकि मेरी छोटी सी चूत पर दबाव बनाते हुवे एक गर्म लोहे की रॉड जैसा लन्ड टिका हुआ था.

में भाई के होटों पर किस करने में मदहोश थी इतने में भाई ने जोर से मेरी चूत पर अपने लन्ड का दबाव बना दिया अब भाई के गोरे लन्ड का रसीला गुलाबी सुपाड़ा मेरी चूत में घुस चुका था मेरी आखों से आसू फिर निकलने लगे थे लेकिन भाई ने मेरे मुंह पर अपने होटों से इतनी मजबूत पकड़ बना रखी थी की चाहते हुवे भी मेरी चीख बाहर न आ सकी.

और फिर भाई थोड़ी देर रुक गया और किस करते करते मेरी चुचियों पर हाथ फेरने लगा फिर से करीब 3-4मिनट रुकने के बाद भाई ने एक और जोरदार झटका मेरी चूत में मार दिया अब मेरी कुंवारी चूत फट चुकी थी और में कली से खिलकर फुल बन चुकी थी आखों में आशु और दबी हुई आवाज में उम्हह्हह्ह आह्ह्हा भाहिह्हह ऊचहहहह्ह्ह आईहिह्हह की दर्द भरी सिसकारियां निकाल रही थी जो की मेरे मुंह से भाई के मुंह में घूस रही थी.

अब भाई फिरसे थोड़ी देर रुका ओर हम दोनो एक दूसरे की जीभ को अंदर ही अंदर चूस रहे थे और जैसे भाई को लगा में ठिक महसूस कर रही हू उसने अपना पूरा लन्ड बाहर निकाल कर फिर से जोरदार धक्के के साथ मेरी चूत में उतार दिया अब भाई का पूरा लन्ड मेरी कुंवारी चूत को चीरते हुवे मेरी नन्ही सी चूत में पूरा घुस चुका था.

दोस्तो दर्द तो इस बार भी हुवा मगर कही न कही अनोखा मजा भी था अब भाई धीरे धीरे अपने लन्ड को अंदर बहार करने लगा और मैरी चूत को चोदने लगा मेरी छोटी सी मासूम चूत को मेरे बहनचोद भाई ने बेरहमी से फाड़ दी थी मगर मर्जी दोनो की थी. और सच कहूं तो दोस्तो उस वक्त मुझे ये तक भी पता नही था की भाई बहन के रिश्ते में चूदाई करना मुनासिफ नही है.

अब भाई अपने धक्के की स्पीड बढ़ाने लगा था और मेरा दर्द भी अब पूरी तरह मजे में बदल चुका था. और में चूदाई मस्ती में झूमने लगी! दोस्तो इस चूदाई ने मेरा भी अंदाज बदल दिया था सीधी साधी दिखने वाली में अब भाई को बोल रही हाह्ह्ह भाई हाह्ह और जोर से कर ओहह्ह हाह्ह्ह्ह भाई कर बोहोत मजा आ रहा है.

चोद दे भैआह्ह उम्हह्हह ऊईअह्ह्ह्ह्हह करते हुवे अपने भाई के लन्ड के मजे लेकर मस्ती में मस्त थी और भाई भी मेरी ऐसी वासना भरी सिसकारी और गंदी बाते सुनकर वो भी मुझे गालियां देने लगा. ओह्ह्ह्ह हा रण्डी हा ले तू अपने भाई के लन्ड का आज पूरा मजा ले साली चुदक्कड़ रण्डी.

तुझ रण्डी को अब में रोज चोदूंगा में तुझे अपनी रण्डी बनाऊंगा ले अह्ह्ह्ह तेरी इस छोटी चूत को फाड़ कर भोसड़ा बना दूंगा साली कुतीया” ऐसी गालियां देते हुवे भाई और जोरो से धक्के मारने लगा और मेरी चूत से घच्छ,पच,चप,चप जेसी आवाज आ रही थी और में इस चूदाई की मस्ती में मस्ती से झूम ही रही थी की मुझे मेरी चूत में गर्म लावा महसूस हुवा.

और भाई ने अपने धक्कों की स्पीड कम करते हुवे रुक गया और मुझ पर लेटकर मेरे होटों का रसपान करने लगा मगर अब मेरे भाई का लन्ड मुरझा कर मेरी चूत से निकल चुका था अब में उठ कर बैठ गई और बैठे बैठे अपनी चूत से भाई का लावा निकलते देख रही थी लावे के साथ साथ मेरी चूत से खून भी निकल रहा था.

तो में डर गई तो भाई बोला डर मत पागल पहली बार सब का निकलता है तो मुझे थोड़ी राहत मिली मगर दोस्तो मेरी पहली चूदाई मुझे जो मजा आया था उसे में शब्दो में बया नही कर सकती हु मगर में खुश की मेरे बचपन में को खुवाहिशे जागी थी वो बचपन में ही पूरी हो गई तो दोस्तो ये थी मेरी चूदाई की सच्ची कहानी…! जिसमे मेने बताया केसे फट गई मेरी मासूम चूत रानी..!