चोदु भाई ने शादी के बाद मायके आई छोटी बहन को चोद दिया

दोस्तो, आपको तो पता होगा कि मेरी दोनों बहनों ज्योति और पीहू की शादी हो चुकी थी. वो दोनों ससुराल में चुदाई के मजे ले रही थी और मैं यहाँ अपने हाथ से अपना काम चला रहा था.

मैं हर पल सोचता था कि उन दोनों में से कोई यहाँ आ जाये तो चुदाई का प्रबंध हो क्योंकि ससुराल में जाकर उनकी चुदाई नहीं की जा सकती थी.

और Xxx यंग सिस्टर सेक्स का मौका जल्द ही मिल गया जब ज्योति की पहली बार ससुराल से विदाई हुई और वो घर आ गयी.

घर आने के बाद जब पहली बार उसे देखा तो वो और भी खिल गयी गयी थी. उसका बदन पहले से थोड़ा भर गया था और वो बहुत खूबसूरत लग रही थी.

उसे देखकर मन तो कर रहा था कि अभी रूम में ले जाकर उसे मसल डालूं.
पर दिन भर पड़ोस की लड़कियां और घर वालों के बीच उससे कोई बात न हो सकी; न ही उसकी तरफ से कोई इशारा मिला.

रात में मैं खाना खाने के बाद जब छत पर जाकर टहल रहा था.
तभी ज्योति छत पर आई और मेरे पास आकर खड़ी हो गयी.

मैं उससे कुछ नहीं बोला तो कुछ देर बाद वही बोली- नाराज हो क्या भाई?
तो मैं उससे गुस्से में बोला- नहीं, तुझसे तो बहुत खुश हूं, जब से आई है, एक बार मेरी तरफ नजर उठा कर भी नहीं देखा.

ज्योति ने पास आकर मेरे सीने से लगते हुए कहा- तब नहीं उठाई पर अब तो मिला रही हूँ न! अब जी भर कर जितना प्यार करना है कर लो, अब नहीं रोकूंगी.
उसने मेरे होंठो पर किस करते हुए कहा- कुछ देर बाद जब मम्मी पापा सो जाएं तो रूम में आ जाना, दरवाजा खुला रहेगा!
कह कर चली गयी.

उसके जाने के बाद कुछ देर तक मैं छत पर टहलता रहा, फिर नीचे आया तो लाइट घर की बुझा दी गयी थी, मम्मी पापा अपने रूम में दरवाजा बंद कर सो रहे थे.

मैं धीरे से ज्योति के रूम के पास आया और दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया.
फिर दरवाजे को बंद कर मैंने रूम की लाइट जलाई तो ज्योति बिस्तर पर लाल रंग के लहंगे चोली में पूरी तरह शृंगार कर लेटी हुई थी और मेरी तरफ देख रही थी.

बिना दुपट्टे के ज्योति की चूचियाँ चोली में और भी मादक दिख रही थी.
चोली और लहंगे की बीच में ज्योति का खुला बदन उसकी खूबसूरती को और बढ़ा रहा था. उसकी आँखों में वासना देख कर मुझे खुद पर काबू रखना मुश्किल हो रहा था.

मैं सीधा बिस्तर पर ज्योति के ऊपर लेट गया और उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर चूमने लगा.
ज्योति ने भी अपनी बांहों में मुझे कसकर भर लिया.

कुछ देर तक चेहरे को चूमने को बाद मैंने ज्योति के निचले होंठ को आने होंठ में लेकर चूसने लगा और दाहिने हाथ से चोली के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ मसलने लगा.

ज्योति भी मेरे ऊपर वाले होंठ को चूस रही थी.

कुछ देर तक उसके होंठों को चूसने के बाद मैं उठ कर बैठ गया. ज्योति को अपनी गोदी में उसकी पीठ अपनी तरफ कर मैंने अपनी जांघों पर बैठा लिया और उसकी दोनों चूचियों को चोली के ऊपर से एक बार फिर मसलने लगा.

उसकी चूचियों को मसलते हुए मैंने उससे कहा- क्यों चुदवाने के लिए नया लन्ड मिल गया … तो लगता है मेरी प्यारी छोटी बहना को वो लन्ड ज्यादा ही पसन्द आ गया जो भाई के लन्ड को ही भूल गयी?
ज्योति अपने दोनों हाथों को मेरे दोनों हाथों के ऊपर रखकर अपनी चूचियाँ दबवाते हुए बोली- नहीं भैय्या, मेरे असली सैंय्या तो आप ही हो जिसने इस नाजुक कली को फूल बनाया. मेरे बेरहम भैय्या के बेरहम लन्ड ने ही तो मेरी नाजुक बुर को फाड़कर मुझे लड़की से औरत बनाया और दुनिया का सबसे हसीन दर्द देकर दुनिया की खूबसूरत जन्नत की सैर कराई. भैय्या आपने कैसे सोच लिया कि मैं अपने भाई और इसके लन्ड को भूल सकती हूं.

मैंने कहा- फिर जब से तू आयी है तूने एक बार भी मेरी तरफ प्यार से क्यों नहीं देखा.
ज्योति मेरी तरफ पलट गई और धक्का देकर मुझे बिस्तर पर गिरा दिया.

वह मेरे ऊपर चढ़ गई और कहा- यह नजर वहाँ नहीं मिला सकती थी न … अब मिला रही हूँ, अब बताओ कैसी लग रही हूँ मैं?
मैंने उसे पलट कर नीचे कर दिया और उसके ऊपर आकर कहा- पहले से भी ज्यादा खिल गयी हो, एकदम कड़क माल लग रही हो. तुम्हें देखकर तो बूढ़ों का भी लन्ड खड़ा हो जाये और वो तुम्हें चोदने को मचल जायें.

ज्योति ने मेरी आँखों में देखते हुए कहा- सच बोल रहे हो भइया, क्या मैं इतनी खूबसूरत लग रही हूँ?
मैंने कहा- सच में दो लन्ड का पानी पीकर तुम और रसीली हो गयी हो.

ज्योति ने शरमाकर अपनी नजर नीची कर ली.

मैंने ज्योति की चोली को खोल दिया और उसे बैठाकर उसकी चोली को निकाल दिया. फिर उसे बेड पर लिटा कर उसके लहंगे की डोरी खोल दी.

ज्योति ने अपनी कमर को हल्का सा उठाया तो मैंने उसके लहंगे को निकाल दिया.

अब ज्योति मेरे सामने बिस्तर पर सिर्फ ब्रा और पैंटी में लेटी थी.

मैंने अपना टीशर्ट और लोवर निकल दिया और ज्योति के ऊपर लेटकर उसके चेहरे को पकड़ कर चूमने लगा.
ज्योति भी मुझे कसकर पकड़ कर मेरा साथ देने लगी.

कुछ देर बाद उसके उपर से उठ कर मैं खड़ा हो गया और ज्योति को खड़ा होने का इशारा किया.
ज्योति खड़ी होकर मेरी नजरों से नजर मिलाते हुए बोली- इरादा क्या है भैय्या?

मैंने उसे सीने से लगाकर उसकी ब्रा का हुक खोलते हुए कहा- अपनी बहना को लन्ड चूसाना है!
कहते हुए उसके ब्रा को निकाल दिया.

ज्योति मेरे सीने पर किस करते हुए बोली- अपनी बहन को ही अपना लन्ड चूसाओगे भैय्या?
मैंने ज्योति के चूतड़ों को दबाते हुए कहा- लन्ड ही नहीं चुसायेंगे, तुमको अभी यही पटककर चोदेंगे भी!

अब तक ज्योति मेरे सामने बिस्तर पर घुटनों के बल बैठ गयी थी और मेरे लन्ड को अपने हाथों में लेकर उसकी चमड़ी को पीछे करते हुए बोली- अपनी ही बहन चोद दोगे मेरे बहनचोद भाई?
मैंने ज्योति के बालों को सहलाते हुए कहा- तुम्हें अगर मैं नहीं चोदता तो पता नहीं कौन तुम्हारी चढ़ती जवानी को तुम्हें फंसाकर चोदता. इससे अच्छा है कि भाई ने ही चोद दिया. और जो मज़ा खुद की बहन चोदने में है वो किसी और को चोदने में नहीं है.

ज्योति मेरे सुपारे पे अपनी जीभ फिरते हुए बोली- सही कहा भाई. ये मज़ा तेरे जीजा भी नहीं दे पाते जबकि वो बहुत अच्छी तरह से चोदते हैं.

अब ज्योति मेरे लन्ड के आखिरी हिस्से को चाटते हुए, मेरे अंडों को मुँह में लेकर बारी बारी चूसने लगी.
अब तक मज़े से मेरी आँखें बंद हो गयी थी.

मैंने ज्योति के सर को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और अपना लन्ड उसके मुंह में डाल कर उसके मुंह को चोदने लगा.

जब मुझे लगा कि मैं ज्यादा उत्तेजित हो गया हूँ तो मैंने अपना लन्ड ज्योति के मुँह में से निकाल दिया और ज्योति को बिस्तर पर लिटा कर उसके पैरों के पास आ गया.

मैं ज्योति के पैरों के पास आकर बैठ गया और उसकी दोनों टांगें फैलाकर के पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस करने लगा.
उसके बाद मैंने ज्योति की पेंटी को निकालना शुरू किया तो उसने अपनी कमर को हल्का सा ऊपर कर दिया.
उसके बाद मैंने उसकी पैंटी को उसकी टांगों में से निकालकर अलग फेंक दिया.

अब मैं अपनी भी सारे कपड़े और अंडरवियर निकालकर बिल्कुल नंगा हो गया.

मैंने ज्योति से कहा- मेरी बहन … मेरी दुल्हन ज्योति, अब तुम चोदी जाओगी.
तो ज्योति ने मुस्कुराते हुए कहा- सबके सामने मेरे भैया … अकेले में मेरे सैंया! आ जाओ, अपनी बहन को प्यार से चोदो.

मैंने ज्योति के नंगे बदन पर एक नजर दौड़ाई.
गोरा बदन, पैरों में पायल, हाथों में चूड़ियां, खुले बाल ज्योति बहुत ही खूबसूरत लग रही थी एकदम परी जैसी!

अब मैंने ज्योति के पैरों के पास आकर के उसके बाएं पैर को अपने हाथों में ले लिया और अपने होंठों सेउसकी एड़ियों और तलवे को चूमने लगा.

मजे से ज्योति की आंखें बंद हो गई और वह धीरे-धीरे आह भरने लगी.
उसके बाद मैं ज्योति के बाएं पैर के अंगूठे और उंगलियों को बारी-बारी से अपने मुंह में लेकर चूसने लगा.

ज्योति ने अपना दायाँ पैर मेरे सीने पर धक्का मारते हुए कहा- अब मत तड़पाओ भैया, बहुत बेकरार कर चुके हैं … आ जाओ, अब बस चोद दो मुझे!

मैंने ज्योति से कहा- अभी तो चुदाई शुरू हुई है मेरी प्यारी बहना! अभी तुम देखते जाओ. तुमको को तड़पा तड़पा कर मसल मसल कर चोदेंगे.
ज्योति ने मेरी तरफ देखते हुए कहा- तो ठीक है भैया … देखते हैं कि आज इस जुदाई के खेल में बड़े भाई का लन्ड जीतेगा या छोटी बहन की बुर!

मैंने ज्योति से कहा- ना मेरा लन्ड जीतेगा न तेरी बुर, इसमें हम दोनों जीतेंगे. समझी मेरी जान? और बिस्तर पर अपनी बीवी को तड़पाने का हक तो मेरा है ही!

यह सुनकर ज्योति मुस्कुराते हुए बोली- बीवी के साथ आपकी छोटी बहन भी हूं. अपनी छोटी बहन पर थोड़ा तो रहम खाओ मेरी जान!

अब तक उसकी उंगलियों को चूसने के बाद उसकी पिंडलियों को चाटते हुए उसकी जांघों की तरफ अपनी जीभ फिराते हुए मैं उसकी बुर के पास आ गया.

ज्योति की बुर पर किस करने के बाद मैं उसकी जांघों को चाटते हुए उसके घुटनों से होते हुए पैरों की तरफ धीरे धीरे बढ़ने लगा.
फिर उसके दाहिने पंजे को अपने हाथों में लेकर कि उसकी एड़ियों और तलवों को चूमने के बाद बारी बारी से उसकी उंगलियों और अंगूठे को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा.

उसके बाद मैंने ज्योति की दोनों टांगों को फैला दिया और उसकी टांगों के बीच में आ करके उसकी बुर पर अपने होंठों को रख दिया.
उसकी बुर पर हल्का सा किस करने के बाद मैंने अपनी जीभ उसके बुर में डाल दी.

बुर में जीभ डालते ही ज्योति काम्प गई और अपने दोनों हाथों से कसके मेरा सर पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगी.

मैं ज्योति की रसीली बुर के रस को पीने में मस्त हो गया और ज्योति ने मेरे सर को पकड़कर अपनी दोनों जांघों में दबा लिया.
ज्योति अब धीरे-धीरे ‘आह भैया … आह भैया … और प्यार से करो भैया … और प्यार से करो भैया!’ कहते हुए आहे भरने लगी.

कुछ देर तक उसकी रसीली बुर के रस को पीने के बाद मैंने धीरे धीरे उसके कमर और पेट को चूमना और चाटना चालू कर दिया.

ज्योति के कमर और पेट को चाटने और चूमने के बाद मैंने दोनों हाथों से ज्योति की दोनों चूचियों को अपने हाथों में भर लिया और उन्हें प्यार से मसलने लगा.

अब तक ज्योति बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और आहें भरने लगी थी.
वह प्यार से आहें भरते हुए कहने लगी- भैया, अब मत तड़पाओ, अब बस चोद दो.

मैंने ज्योति की बातों पर ध्यान ना देते हुए उसकी चूचियों को मसलना चालू रखा.
उसकी चूचियों को काफी देर में मसलने के बाद मैंने उसकी बाईं चूची के निप्पल को अपने मुंह में ले लिया और दायीं चूची के निप्पल को अपनी उंगलियों में फंसा कर मसलने लगा.
ज्योति और जोर से आहें भरने लगी.

बारी बारी से ज्योति की दोनों चूचियों को मसलने और पीने के बाद मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर चूमना चालू कर दिया.

कुछ देर ज्योति के चेहरे को चूमने के बाद मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया.
ज्योति की दोनों टांगों को फैला कर उनके बीच में घुटनों के बल बैठ गया और अपने लंड पर हल्का सा थूक लगा कर के अपना लंड बहन की चूत के छेद पर रख कर के उसकी कमर को पकड़कर हल्का सा धक्का दिया और मेरा लंड सीधा ज्योति की चूत के अंदर चला गया.

अब मैं ज्योति के सर को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर अपने लंड से ताबड़तोड़ ज्योति की बुर की चुदाई करने लगा.
ज्योति भी नीचे से अपनी कमर को हिलाकर चुदाई में मेरा भरपूर साथ दे रही थी.

कुछ देर ज्योति को ऐसे ही लगातार चोदने के बाद जब मेरी उत्तेजना ज्यादा बढ़ी जा रही थी.
तो मैं धक्के लगाना बन्द कर ज्योति के चेहरे पर चूमने लग रहा था और उसकी चूचियों को पकड़ कर मसलने व पीने लगता था.

ज्योति भी नीचे से मादक आहें भरती हुई ‘और भैया … और भैया … और जोर से भैया!’ कहती हुई चुदाई में मेरा भरपूर साथ दे रही थी.
कुछ देर बाद ज्योति के शरीर में कंपकपी महसूस हुई और उसने अपनी बांहों में मुझे कसकर भर लिया.

अब ज्योति थोड़ी शांत हो गई थी, उसकी पकड़ मेरे शरीर पर थोड़ी ढीली महसूस हो गई.

तब मैंने भी बहुत जोर से उसकी चुदाई करना चालू कर दिया.
और कुछ देर बाद मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया.

उसके बाद कुछ धक्के और लगाने के बाद मैं ज्योति के नंगे बदन पर लेट गया और उसके माथे पर किस करके उसे बांहों में भर कर लेट गया.

सुबह तक ज्योति की मैंने चार बार ताबड़तोड़ चुदाई की.

ज्योति एक महीने से ज्यादा समय से घर पर रह रही है और हर रात मैं उसे कसकर चोदता हूँ.

कुछ दिन पहले मैंने उससे कहा- तुम्हारे चले जाने के बाद फिर से मैं अकेला हो जाऊंगा. किसी से मेरी सेटिंग करवा दो!
तो उसने कहा- बताओ किस लड़की को चोदना चाहते हो?
तब मैंने रुबी का नाम लिया जो हमारे पड़ोस में ही रहती है और इस साल बारहवी में गयी है.