मुस्लिम लड़के ने बुआ की बेटी की चूत खंगाल डाली लंड से

मेरा नाम समीरखान है, मैं नोएडा में रहता हूँ. मेरी आयु 23 वर्ष है.

मैं अपने पाठकों को अपनी जिन्दगी की एक सेक्स घटना बता रहा हूं.

यह Xxx देल्ही गर्ल सेक्स कहानी तब की है जब मैं छुट्टियों में बुआ के घर देल्ही गया.
मैं उनके घर लम्बे समय के लिए छुट्टियां बिताने पहली बार गया था.

बुआ को मिला तो मैंने उनके पैर छुए, बुआ ने खुश होकर मुझे आशीर्वाद दिया.

मेरी बुआ के तीन बेटियाँ हैं. मेरी बहनें यानि बुआ की बेटियाँ भी मुझे देख कर बहुत खुश हुई.

हमने आपने में खूब सारी बातें कीं और फिर एक साथ बैठ कर खाना खाया.

बुआ की मंझली बेटी मुझमें कुछ ज्यादा ही रूचि ले रही थी.
वह बार बार मेरी आँखों में आँखें डालकर मुस्करा रही थी.
उस वक्त मैं उसका मतलब समझ नहीं पाया.

रात को सबने साथ में टीवी देखा और काफी सारी बातें की.
फिर हम लोग सो गए.

अगले दिन मैं बुआ के शहर में घूमने लगा.

उनकी बड़ी वाली लड़की कॉलेज जाती थी और छोटी वाली स्कूल में पढ़ रही थी.
बीच वाली को कॉलेज में दाखिला लेना था लेकिन अभी वो घर पर ही रह रही थी.
वो भी मेरे साथ घूमने के लिए चली गई.

मैं देख रहा था कि वो बार बार मेरा हाथ पकड़ रही थी; कई बार मेरे गालों को पकड़ कर खींच देती थी.

धीरे-धीरे मेरे अंदर वासना सी जागने लगी.
वो देखने में अच्छी थी और रंग से एकदम गोरी थी.
उसकी चूचियां मीडियम साइज की थीं लेकिन गांड काफी बाहर निकली हुई थी.

अब मेरा ध्यान भी उस पर जाने लगा था.
वो जब भी मेरा हाथ पकड़ती तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था.

किसी तरह मैं खुद को कंट्रोल करने की कोशिश भी कर रहा था क्योंकि बुआ के घर में कुछ गलत हरकत नहीं कर सकता था.

हम कई घंटे बाहर घूमे.
बुआ की लड़की ने अपने लिए कुछ शॉपिंग की और फिर हम लोग घर आ गए.
फिर हमने घर आकर आराम किया.

छोटी वाली बहन के आने के बाद हम तीनों खेलने लगे.
खेल खेल में कई बार हम दोनों का हाथ एक दूसरे से टकरा रहा था और मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था.

शायद बुआ की लड़की भी इस बात को नोटिस कर रही थी कि मेरा लंड उसके छूने से खड़ा हो रहा है.
फिर ऐसे ही मस्ती में शाम हो गई और फिर हमने रात का खाना खाया.

रात को सब लोग सोने की तैयारी करने लगे.

ऐसे ही दिन बीत रहे थे.

एक रोज जब मैं नहाकर निकला तो मैंने तौलिया लपेटा हुआ था, नीचे से मैंने कुछ नहीं पहना था.

मेरी बुआ की लड़की मेरे साथ छेड़खानी करने लगी.
वो छेड़ने के बहाने मेरे तौलिया को खोलने लगी कोशिश करने लगी.
हंसी-हंसी में वो मुझे शायद नंगा देखना चाहती थी.

मगर मैंने तौलिया को कस कर पकड़ लिया था और वो खोलने में कामयाब नहीं हो पाई.

अब कई बार हमारे बीच में इसी तरह की छेड़खानी होती रहती थी.
मैं उसके बाल खींच दिया करता था और वो पेट पर गुदगुदी कर दिया करती थी.

हम लोग अब काफी खुलने लगे थे.
कई बार वो मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा करती थी, सेक्स के बारे में भी पूछने लगी थी.

मैं जान गया था कि वो मेरे साथ सेक्स करना चाह रही थी तो मैं भी उसकी चूत को चोदने के लिए अब बेताब सा रहने लगा था.
लेकिन हमें पूरी तरह से खुलने का मौका नहीं मिल रहा था.

फूफाजी, बुआ और सबसे छोटी बहन एक रूम में सोते थे.
मैं, मंझली बहन और बड़ी बहन एक रूम में सोते थे.

एक रात को हमने काफी देर तक बातें कीं.
हम लोगों ने फर्श पर गद्दे बिछाए हुए थे.

मंझली बहन बीच में थी, एक तरफ मैं और दूसरी तरफ बड़ी बहन सो रहे थे.

रात में मुझे प्यास लगी तो मेरी आंख खुल गई.
मैंने देखा कि मंझली बहन का हाथ मेरी छाती पर था.
वो गहरी नींद में सो रही थी.

फिर मैंने धीरे से उसका हाथ हटाया और उठकर पानी पीने के लिए चला गया.
आकर मैं वापस अपने गद्दे पर लेट गया.

मुझे हल्की सी नींद आने ही लगी थी कि उसका हाथ दोबारा से मेरे पेट पर आ टिका.

मेरी नींद उड़ गई.
अब मैं पूरी तरह से जाग गया था.

मेरा लंड खड़ा होने लगा लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकता था क्योंकि अगर बुआ को कुछ पता चल जाता तो बात मम्मी तक पहुंचने का डर था.

मैं लेटा रहा लेकिन बेचैनी हो रही थी.
फिर अचानक से उसका हाथ उठा और उसने मेरी जांघ पर हाथ रख दिया.
उसका हाथ सीधा मेरे लंड पर जा टिका.

अब मेरा हाल बेहाल हो गया.
लंड पूरा तन गया था और मुझे मजा आ रहा था.

मैंने धीरे से उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया और लंड पर उसके हाथ को दबाने लगा.

अब मेरा मन भी कर रहा था कि मैं अपनी बुआ की लड़की की चूत को छूकर देखूं.

मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी ओर सरकाया और उसके पजामे में घुसाने की कोशिश करने लगा.
उसने नाइट ड्रेस पहनी थी जिसमें उसने ऊपर टीशर्ट और नीचे पजामा पहना था.

मैं धीरे से हाथ अंदर दिया तो उसकी चूत मेरे हाथ से छू गई और लंड में तगड़ा झटका लगा.
धीरे धीरे मैं उसकी चूत को सहलाने लगा.

अब मेरा मन बेकाबू होता जा रहा था.
एक हाथ से मैं उसके हाथ को अपने लंड पर दबा रहा था और अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत को रगड़ रहा था.

कुछ देर ऐसा करने के बाद मुझसे रहा न गया और मैंने उसका पजामा उतारने की सोची.

जैसे ही मैं उसके पजामे को उतारने लगा, उसने एकदम से आंखें खोलकर मेरी तरफ देखा.
मैं एक पल के डर गया कि अब क्या होगा.

लेकिन अगले ही पल उसने मेरे होंठों पर उंगली लगाते हुए धीरे से मेरे कान में फुसफुसाया- बाथरूम में चलो.
हम दोनों उठे और चुपके से बाथरूम में चले गए.

बाथरूम उस कमरे के बाहर बना था.

पहले मैं घुसा और फिर मेरी मंझली बहन घुस आई, हमने अंदर से कुंडी बंद कर ली और एक दूसरे से लिपटने लगे.

वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उसके पजामे को नीचे कर चूत को सहलाने लगा.
हमसे ये सब कुछ पल से ज्यादा न हो सका और मैंने उसकी चूत में लंड लगा दिया.
वो भी मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में एडजस्ट करने लगी.

जब सही जगह पर लंड लगा दिया तो उसने टांग हल्की सी उठाकर मेरे कूल्हों पर चढ़ा ली और मुझसे लिपटते हुए बोली- कर लो जल्दी.
मैंने जोर लगाते हुए धक्का दिया और लंड उसकी चूत में घुस गया.

चूत काफी टाइट थी इसलिए उसकी आह्ह … निकल गई जिसको उसने मुंह में ही दबा लिया.
मैं अपनी बहन की फुद्दी को चोदने लगा.

कुछ पल तो उसको तकलीफ हुई पर थोड़ी देर बाद हम दोनों को इस चुदाई में काफी मजा आने लगा.
अब वो कभी मेरी पीठ सहलाने लगती तो कभी लबों को चूमने लगती.

मेरी बुआ की लड़की की बुर पूरी गर्म हो कर गीली हो चुकी थी.
मैं पूरे जोर से उसकी बुर में लंड पेल रहा था.
वो दीवार से सटी हुई थी और हर धक्के का जोर दीवार सह जाती थी.

दोस्तो, चूत मारने में बड़ा स्वर्ग है.
उस वक्त ऐसा लग रहा था जैसे दुनिया इधर से उधर हो जाए लेकिन चूत से लंड बीच में नहीं निकालूंगा.
मैं अब उसकी चूचियों को सहलाने लगा.

स्तनों को मसलते हुए मैं धीरे धीरे उसकी चूत में लंड अंदर बाहर कर रहा था.
वो मेरी गर्दन पर चुम्मियाँ ले रही थी और साथ में मेरी पीठ सहला रही थी.

तब मुझे महसूस हुआ कि शायद मैं जल्दी झड़ जाऊं … क्योंकि बहन की बुर चुदाई में मुझे मजा बहुत आ रहा था कि मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था.

इसलिए मैंने सोचा कि थोड़ी देर रूक कर चुदाई शुरू करूंगा.

मैंने उसकी टीशर्ट को उठाया और उसकी चूचियों को पीने लगा.
वो मेरे बालों में उंगलियाँ फिराने लगी और प्यार से अपनी गोरी चिकनी चूचियों को चुसवाने लगी.

मेरा हाथ बहन की चूत की दरार में फिर रहा था.
तभी उसकी चूत में मैंने एक उंगली घुसा दी और अंदर बाहर कर के उसे चोदने लगा.

वो दबी आवाज में उह … आह … अह … कर रही थी.

बहन की चूत में कुछ देर तक उंगली करने से मेरी उंगलियां चूत के रस में लिपट गई थी.

मैं वो योनि रस में लिपटी उंगलियां बहन के होठों पर फिराने लगा. उसने होंठ खोले और उँगलियों को चूसने लगी.

फिर मैंने उसको टॉयलेट की सीट के सहारे झुका लिया.

टॉयलेट में वेस्टर्न स्टाइल वाला कमॉड लगा था जिस पर बुआ की लड़की ने हाथ से सहारा लिया और मेरे सामने झुक गई.
मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड को पेल दिया, मैं दोनों हाथों से कमर को थाम कर चोदने लगा.

इस पोजीशन में चूत मारने में और ज्यादा मजा आ रहा था.
मैंने तेज तेज चुदाई करनी शुरू कर दी.

बीच में चुदाई रोकने के बाद भी मैं ज्यादा देर नहीं चोद पाया अपनी अभन को … तभी मैं झड़ने को हुआ, मैंने बहन की चूत से लंड को बाहर खींच लिया.

बाहर आते ही लंड ने वीर्य की पिचकारी मार दी.
सारा वीर्य फर्श पर गिरकर फैल गया.

कुछ देर मैं वैसे ही लम्बी लम्बी साँसें लेता रहा और फिर ठीक हो गया.
फिर मैंने लंड को धोया और उसकी चूत को भी साफ करवाया.

फिर हम दोनों बाथरूम से बाहर आने लगे.
पहले मैंने बहन को भेजा, फिर मैं खुद गया.

अंदर जाकर हम दोनों आराम से लेट गए.
उसने भी कुछ नहीं कहा और मैंने भी कुछ नहीं कहा.
फिर लेटे लेटे हम दोनों को नींद आ गई.

उस रात के बाद से मैं और मेरी बुआ की लड़की आपस में पूरी तरह से खुल गए.

अब तो मेरी गर्म बहन कभी भी मौका देखकर मेरा लंड मसल देती थी.
मैं भी उसके चूचों को मसल देता था, उसकी चूत को लोअर के ऊपर से ही सहला देता था.

कई बार वो मुझे अपने चूचे चुसवा देती थी और मेरा लंड मुंह में लेकर चूस लेती थी.

इस प्रकार बुआ की सेक्सी बेटी के साथ कामुक मस्ती चलती रहती. हमने खूब मजे किए. जितने दिन भी मैं बुआ के घर रहा, हम दोनों ने खूब चोदा चोदी की.

लेकिन शायद मेरी बुआ की सबसे बड़ी लड़की को हम दोनों पर शक सा हो गया. उसने किसी से कुछ कहा तो नहीं पर वो अब हम दोनों पर नजर रखने लगी.

तब हमने चुदाई की एक न्या रास्ता निकाला. हम अब घर में चुदाई का खतरा नहीं उठाते थे.

बाजार जाने के बहाने से हम भाई बहन एक साथ में घर से निकलते.
मैं होटल में जाकर कमरा बुक करता, थोड़ी देर के बाद मेरी बहन कमरे में आ जाती.

हम दोनों पहले पूरे नंगे होकर ओरल सेक्स का मजा लेते, फिर फ़टाफट वाली चुदाई करके घर आ जाते थे.

अगर कभी रात को सेक्स करने की इच्छा होती तो मैं बिस्तर में लेटे लेटे उसको नीचे ने नंगी करके उसकी चूत में लंड पेल कर लेटा रहता, धीमे धीमे धक्के लगाता रहता.

मेरी बहन भी अपने कूल्हों को हिलाते हुए चूत चुदाई करवाती थी.

कभी कभी हम रात को छत पर जाकर सेक्स का मजा लेते थे.

मैंने अपनी फुफेरी बहन की चूत की अच्छे से चुदाई करके पूरी खोल दी थी.

उसके बाद मेरे वहां से अपने घर लौटने का समय गया और मैं अपने घर लौट कर आ गया.

घर आने के बाद भी मुझे उस Xxx देल्ही गर्ल की चूत की याद सताती है.

कई बार मैंने उसके वहां जाकर चोदने की कोशिश की लेकिन फिर मौका नहीं लग पाया.

तब के बाद से अभी तक मुझे बहन की चूत चुदाई का अवसर नहीं मिल पाया.

मैं प्रतीक्षा में हूं कि कब ऐसा मौक़ा मिलेगा कि हमें एक दूसरे की प्यास बुझा पायेंगे. मैं पुनः अपनी बहना की जोरदार चुदाई करूंगा.