बीबी और बहन को दोस्ती यारी में चुदवाया-2

नमस्कार दोस्तों! मेरी कहानी के पिछले भाग

बीबी और बहन को दोस्ती यारी में चुदवाया-1 में आपने पढ़ा कि मेरा दोस्त दिल में बहुत खुश था, उसके इच्छा जो पूरी होने जा रही थी, मेरी मासूम गोरी बदन बीवी को वो चोदने की फिराक में था.

‘डार्लिंग मुझे बहुत नींद आ रही है, मैं सो जाता हूँ. मुदस्सर को बोलो कि वह बगल वाले कमरे में सो जाये.’ मैं घर में आकर सोने का नाटक करने लगा.
मेरी पत्नी मेरे साथ बेड पर थी, मुदस्सर बगल वाले कमरे में था.

अभी पंद्रह मिनट हुए थे कि तभी मुदस्सर ने मेरे कमरे में आकर मुझे गौर से देखा. जब उसको यकीन हो गया कि मैं गहरी नीद में हूँ तो उसने अमिता को हिलाया..
‘भाभी उठो?’
‘क्या है मुदस्सर?’
‘शीईई…धीरे बोलो! जो पब में न हो सका, वो हम दोनों यहाँ कर सकते हैं. मनीष गहरी नींद में है. फिकर मत करो..’ कहते हुए उसने मेरी पत्नी को अपनी गोदी में उठा लिया.
अमिता अभी भी नशे में थी.

मुदस्सर किंगकोंग की तरह दबे पाँव मेरी पत्नी अमिता को उठाकर कमरे से बाहर निकल गया. मैं समझ गया कि मेरी बीवी भी सेक्स के लिए तड़प रही है.

मुदस्सर के कमरे का दरवाज़ा खुला था, वो मेरी बीवी को अपने कमरे में ले गया.
मैं धीरे से उठा और कमरे के परदे के पीछे खड़ा होकर उन दोनों को देखने लगा. मेरी मासूम पत्नी नाईट ड्रेस में अब मुदस्सर की गोद में बैठी हुई थी.

‘भाभी मनीष जागेगा तो नहीं? वह अभी भी होगा रूम में?’
‘सो रहा है वह गहरी नींद में!’ उसने मुदस्सर की गोद में बैठते ही उसके मुँह से मुँह लगा दिया, दोनों स्मूच करने लगे.

मुदस्सर उसकी नाईट ड्रेस की डोरियों को खोलते हुए उसकी चूत को टटोल रहा था.
‘भाभी अभी भी आप जवान लड़की ही हो, मुझे चोदने दोगी?’
‘तू फिकर मत कर मुदस्सर… मेरे पति इन सब मामलो में बहुत बोल्ड हैं. अपने छोटे भाई की ख़ुशी के लिए उसको रूम में बुलाकर पहले मुझे चोदा था फिर उससे मुझे चुदवाया था.’
‘वाह भाभी… मनीष बिलकुल नहीं बदला, उसकी फैंटसी हमेशा बदलती रहती है.’

अमिता मुदस्सर का लंड हाथ में लेकर सहला रही थी- अहह.. हाँ मुदस्सर चोद दे.. ठोक दे अपना मूसल लंड.. पर मुझे धीरे-धीरे खूब देर तक चोद मुदस्सर,… मैं तेरे दोस्त की पत्नी हूँ चोद ले साले मुझे. मैं अभी भी कच्ची कली हूँ, मेरे साथ आज जंगली वाली चुदाई कर मुदस्सर.. उसमें मुझे बहुत मजा आता है.. रगड़ दे आज अपने दोस्त की वाइफ को डर मत…वह भडवा सो रहा है.
अआह्हह..’ मुदस्सर उसकी चूत में उंगलिया डालकर हिला रहा था. वह उसकी गोद में ही दोहरी होकर मचल रही थी.
अमिता गन्दी गन्दी गालियाँ दे रही थी- चोद मुदस्सर मुझे चोद.. मेरी जैसी मस्त माल नहीं मिली होगी तुझे कभी.. आह्ह्ह… अआह्ह्ह..
कहते हुए मेरी पत्नी उसकी गोद से निकल कर बेड पर ही कुतिया बन गई उसने अपनी गुलाबी सफ़ेद स्ट्राइप वाली पैंटी साइड में सरका कर चूत खोल दी.

‘मुझे भी तेरी जैसी लड़कियों की चूत मारने में बहुत मज़ा आता है भाभी!’ कहते हुए मुदस्सर ने अपने लंड को थूक लगाकर मेरी पत्नी की चूत पर रखा.

न जाने कितने दिन से मैं इस बात की कल्पना की थी. आज मैंने पहली बार अपनी पत्नी को इस रूप में किसी गैर मर्द से चुदवाते हुए देखा. मेरा लंड खड़ा हो गया.

मुदस्सर उसके ऊपर झुक कर चूची मसलते हुए दोनों हाथ से उसके चूतड़ ऊपर उठा कर धीरे-से अपने लंड को सेट करके अंदर बढ़ाने लगा.

‘आईई… मर गई… यह क्या कर रहा है तू.. उफ्फ मम्मी मेरी… मैं तो मर गई… आह्ह ह्हह..’ मेरी पत्नी मुदस्सर का टोपा अन्दर जाते ही बुरी तरह से दर्द से बिलबिला उठी और अपनी गांड वापस खींचने लगी लेकिन मुदस्सर ने उसकी पतली कमर कसकर पकड़ी हुई थी.

वह दर्द से बिलबिला रही थी- चोदने को बोला था तुझको हरामी कुत्ते.. तू तो मेरी गांड मारने लगा. नहीं यार, गांड नहीं मर्वाउंगी.. प्लीज़.. बहुत दर्द होता है.
‘चुपचाप ऐसे ही झुकी रह मेरी कुतिया भाभी… तेरी चूत तो मैं बाद में लूँगा. अभी तेरी चिकनी टाइट गांड ही मारने में जो मजा है वो किसी में नहीं है.’

दरअसल अब मुझे समझ आया था, मुदस्सर शुरू से ही गांड मारने का शौकीन था. मेरा दोस्त मुदस्सर मेरी पत्नी की चूत नहीं गांड मार रहा था इसलिए वह कुतिया बनी दर्द से बिलबिला रही थी.

वह धीरे धीरे धक्के मारने लगा, मेरी पत्नी अमिता अब दर्द को बर्दाश्त कर रही थी. वह अपनी मस्ती में झूम रही थी और अपनी कमर हिला कर उसका साथ दे रही थी- हाँ.. आह.. हाँ… उह… हाँ सी.. अह्ह सच में मुदस्सर, तेरे मोटे तगड़े लंड ने तो मेरी गांड खोल ही डाली.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… सी.. हाँ.. मार मेरी गांड मुदस्सर… मेरी चूत तो फिर से बहुत मस्त हो रही है मुदस्सर, आह्ह.. ये तो पानी छोड़ने वाली है। तेरा लंड मेरी टाइड गांड में बहुत मस्त रगड़ रहा है.. अआह्ह्ह… अआह..

‘हाँ मेरी रानी हाँ… उह्ह्ह बहुत मजा आ रहा है। अपना लंड भी बहुत मस्ती में है। तेरी गर्म-गर्म चिकनी-चिकनी रस भरी गोरी गांड में घुस कर अकड़ रहा है। अह्ह.. सी.. उह्ह.. यस रानी.. यस बस अब तो अपना भी झड़ने वाला है।’
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मैं अपनी मासूम पत्नी को पहली बार इतना खुश देख रहा था. मुझे गुस्सा भी आ रहा था कि मैंने अब तक उसकी गांड क्यों नहीं मारी थी.
मुदस्सर ने अमिता की गांड मारने की रफ़्तार थोड़ी तेज़ कर दी। मेरी पत्नी अपने बाल खोले हुए मेरे दोस्त की कुतिया बनी हुई थी.

फिर मुदस्सर ने अच्छा मौका देखकर एक जोरदार धक्का मारा. लंड गीली गांड में फिसलता हुआ आधे से भी ज़्यादा अंदर घुस गया और मेरी पत्नी बहुत बुरी तरह से चीख पड़ी- आआई ईईईई माँ अह्ह्ह ह्ह्ह उफ्फ फ्फ्फ बचाओ मुझे!
वह बोली- कुत्ते… दोस्त की बदचलन पत्नी की और कितनी गांड मारेगा हरामी.. बाहर निकाल अपने मूसल को ऑह्ह्ह उह्ह्ह.

लेकिन तभी एक और उससे भी दमदार धक्के ने मेरी पत्नी की गांड को फाड़ दिया. मेरे दोस्त मुदस्सर का पूरा घोड़े जैसा लंड मेरी पत्नी की गांड में जड़ तक घुस चुका था. कुछ देर के बाद वे दोनों वैसे ही निढाल हो गए.
मुदस्सर अमिता की गांड में झड़ चुका था, उसका लंड अभी भी उसकी गांड में ही मौजूद था. उसने करवट ली तो पट से लंड निकलने की आवाज़ हुई. वह बोली- साले कुत्ते, क्या ऐसे चोदते हैं? एक छोटी सी बच्ची को और अगर कहीं मैं मर जाती तो?

इस तरह पहली बार मैंने अपनी पत्नी को किसी गैर मर्द क साथ गांड मरवाते हुए देखा था.

मुदस्सर के मज़बूत जिस्म में मेरी पत्नी किसी रबर की गुड़िया की तरह पैरों से पैर फंसाए चिपकी हुई थी, वे एक दूसरे को चूम रहे थे.
‘मजा आ गया मुदस्सर तुझसे गांड मरवा कर!’
‘तेरे पति का दोस्त हूँ… किस्मत है मेरी कि पति पत्नी दोनों की गांड मारी मैंने!’
वे एक दूसरे से चिपके रहे.

करीब 15 मिनट की गांड चुदाई के बाद दोनों पसीने से भीगे बेड पर पड़े थे.
अमिता अपनी चूत को सहलाने लगी- मुदस्सर, बहुत आग लगी हुई है इसमें. चोदो मुझे!
अमिता ने उसके लंड को अपनी चूचियों में दबा कर भींच लिया.

‘ओह… माय.. गॉड.. अमिता आज तो तूने सच में लौड़े को निचोड़ दिया.. आह्ह.. मेरी रंडी भाभी!’
‘हाय राम मैंने निचोड़ डाला या तूने मेरी चूचियों.. चूतड़ों.. और नंगी चूत का रस सारा रस निचोड़ डाला मेरे चोदू मुदस्सर.. आह्ह..’

अमिता ने अपनी बांहें और जांघें खोल दीं और उठ कर बाथरूम जाने लगी। अमिता मुस्कुराते हुए मुड़ी.. वो मुदस्सर की गर्म-गर्म निगाहें अपनी नंगी जवानी पर महसूस कर रही थी।
थोड़ी देर बाद अमिता बाथरूम से बाहर आई उसके हाथ में गीला तौलिया था, उसने मेरी सफ़ेद सामने से खुली हुई कमीज पहनी हुई थी, मुदस्सर खिड़की के पास लुंगी पहन कर खड़ा सिगरेट पी रहा था।

अमिता उसके सामने घुटनों पर बैठ उसकी लुंगी अलग कर बदमाशी से मुस्कराते हुए उसका लंड, जांघों गोलियों को साफ करने लगी। अमिता लंड से खेलने लगी थी, मुदस्सर भी उसकी चूचियों से खेल रहा था- अमिता मत कर मेरी रानी, इसको फिर से खड़ा मत कर.. चल अब खड़ी हो जा!
उसने हाथ पकड़ कर अमिता को खड़ा कर दिया और उसको चूम कर चूतड़ों से खेलते हुए बोला- अमिता रानी.. मेरी जान आज मैं तुझे एक बात बताना चाहता हूँ।
‘बता न?’
‘तुझे मालूम है कि शादी से पहले मैं कई बार तेरे पति की गांड मार चुका हूँ. कॉलेज के टाइम 4 साल तक तेरे पति की गांड मारता था, उसकी बहन के साथ भी सेक्स करता रहा था।’
‘ओह माई गॉड.. सच में… वो मेरी ननद रूबी!’
‘हाँ वही!’

‘बित्ता भर की होकर एक नंबर की रंडी है वो… हर बार नए बॉयफ्रेंड के साथ आई है मेरे पास. रात को रूक कर चुदवाती है.’
‘हाँ वही… जो तेरे पुराने फ्लैट के सामने रहती है।’
‘हाँ मेरी जान हाँ… वही तेरी ननद रूबी और वो भी उतनी ही गर्म और चुदक्कड़ है जैसा मैं हूँ. सिर्फ मैं ही नहीं मैंने अपने दोस्तों से भी कई बार रूबी को चुदवाया था. एक नंबर की चुदक्कड़ थी वो कॉलेज में. और अब मैं तुझे चोदूँगा और अपने दोस्तों से भी चुदवाऊंगा.’

‘हाँ मेरे राजा मुझे खूब चोदना.. और अपने दोस्तों से भी चुदवाना मुझे.. रंडी बनाकर पार्टी में चोदना मुझे..’
‘हाँ मेरी रंडी भाभी, तेरी हर वाइल्ड फैंटसी पूरी करूँगा. दरअसल तेरे पति ने ही मुझसे अपनी बहन को चुदवाया था. बदले में मैं उसकी गांड मारता था. जब उसका भाई, मतलब तेरा पति शहर से बाहर होते थे, तो वो मुझ से एक दिन में पांच-पांच बार चुदवाती थी। जब वो शहर में भी होते थे.. तो भी कम से कम दिन में हम दोनों दो बार तो चुदाई का मज़ा लेते ही थे। वो और भी मस्त और चुदक्कड़ हो गई थी।’

‘ओह गॉड.. मैं यह सुन कर बहुत खुश हूँ.. मुदस्सर, वो कितनी सुन्दर सेक्सी और प्यार करने वाली है। मैं उसको अक्सर मिलती हूँ। लेकिन मनीष ऐसे नहीं राज़ी होता है तुमने उसको बदले में क्या दिया था?’
‘अरे यार, वह मेरी बड़ी बहन परवीन बाजी की चुदाई करता था. कई बार हम दोनों ने मिलकर भी बाजी को चोदा था. रूबी करीब 21 साल की तो होगी ही?’
अमिता ने मुदस्सर को चूमते हुए कहा- रूबी मेरी ननद… वह तो अभी सिर्फ 21 साल की है।
‘हमने अपना प्यार और चुदाई का सफर जब शुरू किया था.. तब वो मासूम बच्ची थी और मैं 25 का था। वो इतनी गर्म और चुदासी आइटम है.. उफ़ रेशम सी मुलायम स्किन, दूध सा सफ़ेद रंग और हमेशा गीली बड़ी सी काली झांटों वाली चूत!’
मुदस्सर ने मेरी छोटी बहन रूबी का बखान करते हुए मेरी पत्नी अमिता की चूत में उंगली घुसा दी- पर तेरी चूत बहुत कसी है जान.. और मेरा पूरा लंड अन्दर खींच लेगी।

‘ओह मुदस्सर.. सी.. ई अभी मत करना… नहीं तो गर्म हो जाएगी। इसका मतलब मेरे पति मनीष को गांड मरवाने का भी शौक है?’ अमिता ने मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखते हुए पूछा।

मुदस्सर की बदमाश निगाहें अब अमिता की गोल-गोल चूचियों को देख रही थीं- यह तो मालूम नहीं है.. हो सकता है… पर जब मैं इंडिया में था तो उसे मुझसे गांड मरवाने में खूब मजा आता था.’ मुदस्सर ने अमिता की चूची दबाते हुए कहा।
‘ओह्ह..’

मैं उन दोनों की चुदाई देख रहा था, मेरा दिल हो रहा था कि मैं अन्दर घुस जाऊं.
कहानी जारी रहेगी.
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