अनाड़ी चुदैय्या चूत का सत्यानाश-2

अन्तर्वासना पर मेरी कहानी का पहला भाग

अनाड़ी चुदैय्या चूत का सत्यानाश-1
में आपने पढ़ ही लिया होगा कि मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे अपने फ्लैट पर बुलाया था. उधर चाय आदि के बाद उसने मेरे साथ चूमा चाटी की. फिर उसके बाद उसने मेरे सामने अपना गाउन खोल दिया और एकदम नंगी गई.

मैं उसकी इस हरकत से एकदम से स्तब्ध था.

अब आगे:

एक पल मैंने उसकी सेक्सी फिगर को देखा और बस समझो कि मदहोश हो गया.

मैं यहां पर उसके शरीर का, जो मैंने देखा था, उसका वर्णन कर रहा हूं.

इस समय उसके बिखरे हुए काले घने मुलायम बाल, आंखों में लगा हुआ काजल, उसकी झील सी आंखें, दोनों भौंह के बीच में एक छोटी सी लाल बिंदी, उसकी छोटी पतली सी नाक, पतले गुलाबी होंठ, सुराहीदार गर्दन, उसके छोटे छोटे स्तन, जो अभी ज्यादा विकसित नहीं हुए थे, एकदम खड़े हुए थे.
नीचे पतली कमर के बीच में अन्दर को दबी हुई उसकी नाभि और दोनों जांघों के बीच में एक पतली सी लकीर, जो उसकी अमृत फली यानि योनि थी.

उसकी योनि पर अभी भूरे भूरे और नए-नए से बारीक बाल उग रहे थे. उसकी जांघें एकदम गोरी थीं, ना ज्यादा मोटी ना ज्यादा पतली.

उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि किसी कलाकार ने संगमरमर की मूरत को मेरे सामने एकदम नग्न खड़ा कर दिया हो.

मैं अभी भी स्तब्ध एक उसे देखे जा रहा था. फिर उसने चुटकी बजाकर मुझे टहोका, जैसे नींद से जगाया हो.

मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है. मैं तो बस उसे एकटक देखे ही जा रहा था. उसकी दोबारा चुटकी बनाने पर मैं होश में आया.

फिर वो मुझसे आकर चिपक गई और मुझे किस करने लगी. मुझे अभी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं.

वो खामोशी तोड़ते हुए बोली- क्या सोच रहे हो … मुझे प्यार करो, बस प्यार करो.

वो मुझे अपनी बांहों में भरके चूमने लगी. मैं भी उसके गालों को चूमने लगा. हम एक दूसरे कुछ देर तक यूं ही बेताबी से चूमते रहे.

कुछ पल बाद वो पीछे होकर अपने पलंग पर बैठ गई और मुझे मेरी कमर से पकड़ कर अपने पास खींच लिया. मैं भी उसके ऊपर गिर गया. इस समय मेरे हाथ पैर बेहद कांप रहे थे. ये मेरा पहला अवसर था जब कोई लड़की मुझे इस तरह से अपने करीब लेकर बिस्तर पर थी.

मैं बैठा तो वो मेरी तरफ झुक कर मेरा बेल्ट खोलने लगी. मैंने अपना पेट दबाया और उसको बेल्ट खोलने में मदद कर दी. बेल्ट के खुलते ही उसने मेरे पैंट का बटन खोल दिया. चैन नीचे सरका दी.

अब मैं उठ कर खड़ा हुआ … और उसी पल उसने बेहिचक मेरी पैंट को अंडरवियर सहित मेरे घुटनों के नीचे कर दी. मेरा लिंग इस समय उत्तेजित होने लगा था. उसने मेरे लिंग को देखा और अपने हाथों से मेरे लिंग को पकड़ कर आगे पीछे करने लगी.

मुझे उसकी इस बिंदास अदा से हैरानी तो थी, मगर मेरा भी जोश चढ़ने लगा था. कुछ पल बाद वो बिस्तर पर लेट गई और मुझे आंख मार दी. मैं भी उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा.

हम दोनों एकदम नग्न होकर एक दूसरे से चूमाचाटी कर रहे थे. हमारे अंगों की गर्मी और रगड़ से हमारे अन्दर एक चुदास भरती जा रही थी. वो मुझे अपने ऊपर कुछ इस तरह से लिए हुए थी कि मेरा लिंग उसकी योनि से रगड़ खाने लगी थी.

तभी वो मेरे लिंग को पकड़ कर बोली- इसको मेरे अन्दर डालो.

मैंने भी जोश जोश में अपना लिंग उसकी योनि से मिला दिया और अन्दर डालने की कोशिश करने लगा. पर अनाड़ी होने का नतीजा सामने आ गया. मेरा लिंग अपने निशाने से फिसल गया.

तीन बार लिंग फिसलने के कारण उसने अपने हाथ से मेरे लिंग को पकड़ कर अपनी योनि पर रख दिया और बोली- हम्म … अब आगे पेलो.

उसी पल मैंने अपनी कमर को आगे धकेला, तो उसके मुँह से चीख निकल गई. मैं रुकने को हुआ तो उसने मुझे आगे बढ़ते रहने के लिए कहा. वो अपनी दर्द भरी कराहों को दबाए हुए थी.

मैंने लिंग पर दबाव बनाया और तो वो और अन्दर घुसा मगर मेरी पार्टनर को बेहद दर्द होने लगा था. उसकी मुट्ठियों से अंदाजा लग रहा था कि इसको बेहद दर्द हो रहा है. उधर लिंग ने भी और अन्दर जाने से मना कर दिया था.

फिर मैंने अपने लिंग को देखा, जो कि अभी उसकी योनि में पूरा नहीं गया था. साथ ही मैंने उसकी योनि से खून निकलता हुआ देखा और अपने लिंग पर लगा हुआ खून देखा, तो मैं एकदम डर गया.

तभी न जाने क्या हुआ कि मुझे ऐसा लगने लगा कि पीछे से एक शोर सा रहा था कि रे-प करने वालों को फांसी दो, फांसी दो, रे-प करने वालों को फांसी दो फांसी दो. मेरा दिमाग भन्ना गया था. लंड की उत्तेजना समाप्त हो चुकी थी.

इधर उसकी योनि से निकलते ही ब्लडिंग देखकर मैं डर गया और अपना लिंग बाहर निकाल कर उठ खड़ा हुआ. मैंने झट से अंडरवियर सहित पैंट पहनी तुरंत उसके रूम से बाहर निकल आया.

वो मुझे आवाज दे रही थी कि क्या हुआ क्या हुआ? लेकिन मैं सब अनसुना करके निकल गया. मैं अपनी गाड़ी स्टार्ट करके रूम की निकला आया. पूरे रास्ते जब तक मैं घर नहीं पहुंच गया, मेरे पास उसके कई सारे कॉल आ चुके थे. मैंने एक भी कॉल रिसीव नहीं किया था. मेरे हाथ कांप रहे थे. मुझे बहुत डर लग रहा था.

घर आकर मैं चुपचाप से अपने रूम में आ गया और तुरंत बाथरूम में जाकर अपने लिंग को साफ किया … नहाया. तब जाकर मुझे कुछ आराम मिला.

इस दौरान मेरे फोन की घंटियां लगातार बजती रही थीं. सारे कॉल उसी के ही नंबर से आए हुए थे … लेकिन मैं उठा नहीं पा रहा था.

शाम को 6:00 बजे जब मैंने उसको कॉल लगाया, तो उसने फोन नहीं उठाया. मेरे बार बार कॉल करने पर उसने फोन उठाया और फोन उठाते ही मुझे गालियां देना शुरू कर दिया.
‘नामर्द … गांडू … छक्के … मादरचोद चूतिये …’

वो मुझे ना जाने कौन-कौन सी गालियां दिए जा रही थी. मैं कुछ नहीं बोल रहा था, बस सुने जा रहा था. मुझे खूब गालियां देने के बाद उसने फोन काट दिया.

यहां मैं आप लोगों को एक बात बता देना चाहता हूं कि मेरी उम्र उस समय 24 साल थी, लेकिन उस समय तक मुझे सेक्स का ज्ञान बिल्कुल भी नहीं था. सेक्स क्या होता है और कैसे करते हैं. मेरी फट गई थी.

उसके फोन रखने के बाद मैं रूम से बाहर आकर छत पर उदास होकर बैठ गया.

तभी बाजू से कविता भाभी आकर मुझसे पूछने लगीं- क्या हुआ? तुम उसके पास गए थे ना?
मैं बोला- किसके पास?
कविता भाभी- संगीता के पास गए थे ना?
मैं बोला- भाभी क्या बताऊं कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
कविता भाभी- बता ना?

मैंने डरते हुए उनको सारी बात बता दी. पहले तो वो खूब हंसी.

मैं बोला- मुझे बहुत गाली भी दे रही थी वो.
भाभी बोलीं- तुझे वो गाली नहीं देगी, तो क्या तेरी पूजा करेगी.
मैं- नहीं भाभी, पर वो मुझे कुछ अच्छी नहीं लगी.
कविता भाभी- कुछ अच्छी नहीं लगी … से मतलब क्या तेरा?

मैं बोला- भाभी पता नहीं किस टाइप की वो लड़की है. जैसे ही मैंने अपना वो डाला, तो उसको खून आ गया और मैं डर गया.
कविता भाभी- वो लड़की बहुत अच्छी है और अभी तक उसने किसी और के साथ भी सेक्स नहीं किया, इसकी गारंटी मैं लेती हूं.
मैं बोला- आपको कैसे पता?

कविता भाभी- जो लड़की पहली बार सेक्स करती है. उसके वहां से खून आता है … और मुझे लगता है कि तुझे अभी इस बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है.
मैंने कहा- हां भाभी मुझे बिल्कुल भी जानकारी नहीं है. अब मैं क्या करूं आप ही बताइए.
भाभी बोली- मुझे लगता है कि मुझे ये सब कुछ तुझे बताना पड़ेगा.

मैं बोला- हां भाभी आप मेरी मदद कीजिए, कृपया करके मुझे कुछ बताइए, मैं क्या करूं. … क्योंकि मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है.
भाभी बोलीं- कल मैं तुझे सब बताऊंगी.

लेकिन मुझे अभी ही सब कुछ सीखना था. मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैं- भाभी प्लीज मुझे कुछ बताइए.

उन्होंने अपनी घड़ी में टाइम देखा और कहने लगीं.

कविता भाभी- तेरे भाई के आने में अभी टाइम है, लेकिन मैं भाई से कंफर्म करती हूं कि वो कब तक आएंगे. अगर मेरे पास टाइम हुआ, तो तुम्हें तुझको सब कुछ बता दूंगी.

भाभी ने अपने फोन से भाई को फोन किया और पूछा- आप कहां हो … कब तक आओगे?
उन्होंने बोला- मैं 8:00 बजे तक आऊंगा.
भाभी की बात खत्म हो गई और वो मुझसे बोलीं- लगता है तुझे आज ही सब कुछ बताना पड़ेगा.

फिर कविता भाभी मेरे पास सामने स्टूल लगा कर बैठ गईं और मुझे बताने लगीं कि जब कोई लड़की पहली बार सेक्स करती है, तो उसकी योनि में एक झिल्ली होती है, जो लिंग अन्दर डालते ही फट जाती है … और योनि में से खून निकलने लगता है. वही तेरे साथ हुआ था.

मैं डरते हुए बोला- आपको भी निकलता है.
कविता भाभी- हर बार नहीं … हां जब पहली बार तुम्हारी भैया के साथ किया था, तब निकला था, लेकिन बार-बार करने पर वो नहीं निकलता और अभी फिलहाल तुझे जानने के लिए इतना काफी है. धीरे-धीरे सब सीख जाएगा. फिर भी नहीं सीखा, तो मैं पूरा सिखा दूंगी.

मैंने उनकी तरफ देखा और अभी ही पूरा सिखाने का कहा.
भाभी ने हंसते हुए कहा- पहले तो तुझे कुछ उस तरह की मूवी देखनी चाहिए. फिर जब समझ आ जाए, तब जाकर उस लड़की को मनाओ … और उसी के साथ करके मजा लो.
मैंने पूछा- भाभी किस तरह की मूवी?
कविता भाभी- तू ऐसे नहीं समझेगा. अभी बताती हूँ.
ये कह कर भाभी उठीं और अपने रूम में से एक डीवीडी लाकर मुझे दे दी.
भाभी बोलीं- इसमें जो मूवी है, उसे देखो … सब सीख जाओगे.

मैं डीवीडी ले ली और बोला- डीवीडी तो आपने मुझे दे दी, इसको मैं कहां पर देखूंगा.
कविता भाभी- इसका इंतजाम भी मैं ही करूं?

मैं उनकी तरफ याचना भरी नजरों से देखने लगा.

कविता भाभी कुछ सोचते हुए बोलीं- एक काम कर … तू मेरे रूम में आ जा … और मेरे डीवीडी प्लेयर में यह डीवीडी लगा कर देख … जब तक मैं बाहर बैठी हूं. ये मूवी आधे घंटे की है, अच्छे से देखना और वो सब समझ लेना.

मैंने एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह उनके रूम में जाकर डीवीडी प्लेयर में डीवीडी डालकर मूवी प्ले कर दी. चूंकि मैंने अभी तक कोई भी ब्लू फिल्म नहीं देखी थी, तो यह देखकर मुझे कुछ अजीब सा लगने लगा. लेकिन फिल्म में चुदाई देख कर मुझे अच्छा लगने लगा और मैं फिल्म देखते हुए गर्म होने लगा. मेरा हाथ अपने आप मेरे लिंग पर चला गया. मैं लिंग को आगे पीछे करने लगा, दबाने लगा. इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कर सकता था क्योंकि मैं भाभी के रूम में बैठा था.

मैंने में पूरी मूवी देखी और मुझे समझ में आ गया कि सेक्स क्या होता है. इस डीवीडी में भी एक फर्स्ट टाइम सेक्स की फिल्म थी. मैं वो मूवी देखकर वापस आया और भाभी को ‘थैंक्यू..’ बोला.

भाभी बोलीं- अब सब समझ में आ गया तुझे?
मैं- हां मुझे अब सब समझ में आ गया है … अब मैं सब कर सकता हूं.

ये सुनकर वो भी हंसने लगीं- ठीक है अब जाओ उस लड़की को मनाओ.
मैं हंसते हुए अपने रूम में चला गया और भाभी अपने रूम में चली गईं.

मैंने फिर संगीता को कॉल लगाया. उसने फोन उठाया और उठाते ही मुझसे बोली- मुझे तुमसे बात नहीं करनी, तुम किसी काम के नहीं हो. … तुम ऐसी हालत में छोड़कर मुझे कैसे जा सकते हो?

मैं- संगीता मुझे माफ कर दो, मैं दोबारा से ऐसा नहीं करूंगा.
संगीता- पक्का..! फिर से वैसा नहीं करने का वादा कर रहे हो, तो अभी आ जाओ मेरे रूम पर.
मैं- और तुम्हारी रूममेट?
संगीता- तुम्हें सुबह तो बताया था कि वो अपने कॉलेज फ्रेंड्स के साथ पिकनिक पर गई हुई है. वो कल शाम तक आएगी.
मैं- ठीक है मैं आ रहा हूं.

मैं दोबारा से तैयार होकर अपने रूम से निकला.
कविता भाभी- कहां जा रहा है?
मैं- मुझे उसी ने अभी बुलाया है.

भाभी समझ गईं और बोलीं- जाओ … आज तुमको झंडा गाड़ कर ही वापस आना है.
मैंने हंसते हुए जबाव दिया- जी बिल्कुल.

मैं अपनी बाइक उठाते हुए संगीता के घर के लिए निकल गया.

संगीता के फ्लैट के नीचे पहुंचते ही मैंने उसको कॉल किया कि मैं आ गया हूं.
वो बोली- अभी 5 मिनट रुक कर आना.
मैं- ठीक है.

मैं 5 मिनट रुक कर उसके फ्लैट पर पहुंचा, गेट धकेला, तो वो खुल गया और मैंने उसके रूम में आ गया.

मैंने उसे देखा, तो वो मुझ पर बहुत गुस्सा होने लगी.
मैं- मैं माफी मांगता हूं.
संगीता- ठीक है … मेरे कपड़े उतारो.

मैंने उसकी बात मानते हुए उसका गाउन खोल दिया.

उसने अभी भी गाउन के अन्दर कुछ नहीं पहना हुआ था.

फिर उसने मेरे कपड़े उतारे और हम दोनों नग्न हो गए. मैं वीडियो देख कर आया था, तो मुझे जोश भी चढ़ा हुआ था.

अबकी बार मैंने उसे पूरी ताकत से अपनी बांहों में भर लिया और किस करने लगा. उसके होंठों पर गालों पर चूमने लगा. कुछ ही पलों में हम दोनों में जोश भर गया. मैंने उसको पलंग पर लेटाया और अपना लिंग उसकी योनि में डालने लगा.

वो बोली- रुको … थोड़ा तेल लगा लो.

मैंने अपने लिंग पर तेल लगाया और उसकी योनि में एक ही प्रहार में अपना लिंग डाल दिया.

उसने अपने मुँह पर हाथ रख लिया. उसने दर्द बर्दाश्त कर लिया था. पूरे जोश के साथ सेक्स करते ही हम दोनों को मजा आने लगा था. यह मेरा पहली बार का सेक्स था, तो मैं दस मिनट में ही झड़ गया. मेर साथ वो भी झड़ गई.

कुछ देर साथ लेटने के बाद हम दोनों वापस एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगे. दोबारा से हमने सेक्स किया. हमारा ये सेक्स का खेल पूरी रात चलता रहा.

हम दोनों ने उस रात में चार बार सेक्स किया और चिपक कर सो गए. सुबह मैं उठा, तुम नींद बहुत आ रही थी.

मैंने अपने अपने ऑफिस के दोस्त को फोन लगाकर बोल दिया- भाई मेरी आज तबीयत खराब है, मैं नहीं आ पाऊंगा.
दोस्त बोला- ठीक है, मैं बॉस को बोल दूंगा.

फिर मैंने संगीता से पूछा- तुम्हारा अचानक सेक्स करने का मन कैसे हुआ?
वो बोली- मेरे साथ जो रूममेट है, वो अपने दोस्त के साथ दूसरे रूम में रात रात भर सेक्स करती रहती है. उन लोगों की आवाजें सुनकर मुझे भी कुछ कुछ होने लगा था. इसलिए मेरा मन भी सेक्स करने के लिए हो गया था.

मैं बोला- ठीक है, पर मेरा मन एक बार और सेक्स करने का कर रहा है.
वो बोली- ठीक है … मैं अभी आती हूं.

वो यूं ही नंगी बेड से उतर कर दूसरे रूम में चली गई और एक पैकेट लेकर आई.

संगीता ने उस पैकेट को खोला और उसमें से कुछ निकाल कर अपनी योनि में लगा लिया.

मैंने उससे पूछा- तुमने यह क्या लगाया है.
वो बोली- यह फीमेल कंडोम है. तुम तो कंडोम लाए नहीं थे. इसलिए अबकी बार हम दोनों फीमेल कंडोम के साथ सेक्स करेंगे.
मैंने पूछा- यह तुम्हारे पास कहां से आया?
संगीता- मेरी फ्रेंड यूज करती है.
मैंने बोला- हमने रात को तो यूज़ नहीं किया था.
संगीता- उसकी चिंता मत करो, मैं गोली खा लूंगी.
मैंने कहा- जब गोली खा ही है, तो अभी क्यों लगा रही हो?
उसने कहा- मुझे इसका अनुभव करना है.

फिर हम दोनों ने फीमेल कंडोम के साथ सेक्स किया. दिन भर हम दोनों साथ रहे मैं अंडरवियर में और वो ब्रा और पैंटी में घर में घूमती रही.

इस सेक्स के बाद हम दोनों के बीच में लगभग एक साल तक सेक्स चलता रहा. मैं हर तरीके से सेक्स करने में माहिर हो गया. फिर अचानक से उसका नंबर बंद हो गया. कुछ दिन तक नंबर पर कॉल करने के बाद भी उसका नंबर नहीं लगा, तो मैं उसके फ्लैट पर गया. वहां जाकर पता लगा कि उन लोगों ने फ्लैट बदल दिया है. फिर उसके बाद मेरा उससे संपर्क कभी नहीं हुआ.

यह मेरे और संगीता के बीच सेक्स की कहानी की शुरुआत भर है, आगे आगे देखिए और भी गर्म कहानियां पेश करूंगा.

दोस्तों यह मेरे जीवन की सच्ची कहानी थी, जो जैसी मेरे साथ घटी थी. इस घटना को मैंने अपने शब्दों में यहां पर आप लोगों के सामने लिखी है, इसमें एक शब्द भी झूठ नहीं लिखा है. मुझे लगता है कि शायद इस कहानी को पोस्ट करने के बाद उससे मेरा संपर्क हो जाएगा.

दोस्तों आप भी दुआ कीजिए कि उससे मेरा संपर्क हो जाए, मुझे वो मिल जाए.

आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, मेल आईडी पर अपने विचार जरूर शेयर कीजिएगा.
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