अमेरिका में साली के दोनों छेदों में लंड दिया-2

यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:

अमेरिका में साली के दोनों छेदों में लंड दिया-1

अमेरिका में साली के दोनों छेदों में लंड दिया-3

दोस्तों मेरी कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि अमेरिका जाकर मैंने और मेरी साली ने अपनी कामवासना बुझाई.  मुझे साली की चूत मिल गई थी और उसे मेरा दमदार लंड. मगर उसके चंद मिनटों के बाद ही फोन पर खबर मिली कि साढ़ू की मृत्यु हो गई है. इस खबर को मैंने अपनी साली से छुपा लिया और दारू के पैग लगाते हुए सोचने लगा कि स्थिति को कैसे संभाला जाये.

अब आगे की कहानी:

मैं सिगरेट और शराब लेकर नंगे बदन ही बेड पर आकर बैठ गया था. मैंने अपने लिए और साली के लिए पैग बना दिया था. दोनों ने ही पैग खाली कर दिया. पैग को खाली करने के बाद राखी कहने लगी कि काश उस दिन फोन पर मैंने आपकी बात को गंभीरता से ले लिया होता तो मैं भी आज अपनी बहन की तरह आपके मोटे और दमदार लंड का मजा ले रही होती.

साली की तरफ सिगरेट के हाथ को बढ़ाते हुए मैंने उसे भी कश खींचने के लिए कहा. वो पहले तो मना करने लगी लेकिन फिर मान गयी. पहली बार उसने घूंट मारी तो उसे खांसी हो गयी. मैंने उसकी पीठ को थपथपा दिया. फिर मुझे दोबारा कहने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि अब वो खुद ही मेरी मुट्ठी को अपने हाथ से पकड़ कर सिगरेट के कश लगाने लगी थी.

अपने मन में मैं सोच रहा था कि औरतें कितनी बेवकूफ होती हैं जो मर्दों को नशा करने से मना करती हैं. मगर बिना नशे के भी कोई जीना होता है. आज मेरे साथ मजे करते हुए शायद मेरी साली को भी इस बात का अहसास हो रहा होगा. किंतु अभी इन सब बातों के विचार करने का समय नहीं था.

अभी मेरे मन में कल की प्लानिंग चल रही थी. मैं चाह रहा था कि राखी कल पूरा दिन नशे की हालत में ही रहे ताकि मैं तब तक सारी फॉर्मेलिटी पूरी कर दूं. अगर वह होश में रही तो उसको पति की मौत की खबर शायद बर्दाश्त नहीं हो पायेगी.

राखी ने मेरे नंगे लंड को अपने हाथ से दोबारा से सहलाना शुरू कर दिया था. उसका सिर मेरी नंगी जांघों पर रखा हुआ था. उसके होंठ मेरे लंड के ठीक नीचे थे. कभी कभी तो वो मेरे लंड को अपनी नाक पर रख लेती थी. इस वजह से मेरा औजार फिर से तनने लगा था.

लंड जब पूरा खड़ा हो गया तो राखी ने मेरी गोलियों को चूसना शुरू कर दिया. मेरा मूड फिर से उसकी चूत फाड़ने का हो गया था. लेकिन तभी मेरे मन ने पलटी मारी. चूत तो अभी कुछ देर पहले ही मारी थी. क्यों न अब औरत की गांड चुदाई का मजा लिया जाये. पोर्न वीडियो में भी गांड चुदाई के सीन देखते हुए मैं काफी उत्तेजित हो जाता था. अब मेरा मन कर रहा था कि मैं अपनी साली की गांड की चुदाई कर डालूं.

ये विचार मेरे मन में चल ही रहे थे कि राखी मेरी गोद में आकर अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ने लगी. उसको भी लंड फिर से लेने का मन कर रहा था लेकिन मेरे मन में उसकी गांड घूम रही थी. इसलिए मैंने लंड को अंदर नहीं डालने दिया.

मैंने कहा- अबकी बार आगे नहीं पीछे वाले छेद की चुदाई करूंगा.
वो मना करने लगी. मुझे नहीं पता था कि उसने कभी गांड चुदवाई थी या नहीं लेकिन अभी मेरे मन उसकी गांड को चोदने की तीव्र इच्छा जगी हुई थी.

उसको समझाते हुए मैंने कहा कि जितना मजा आगे से चूत चुदवाने में आता है उतना ही मजा पीछे वाले छेद को चुदवाने में भी आता है. अगर तुम्हें मेरी बात का यकीन न हो तो अभी ट्राइ करके देख लेते हैं. अगर तुमको मजा न आये बेशक मत करवाना. मैं तुम्हारे साथ कोई जबरदस्ती नहीं करूंगा.

वो बोली- नहीं, वो छेद चोदने के लिए नहीं होता है. वो तो लेट्रिन जाने के लिए होता है.
मैंने कहा- हां, होता है लेकिन उसको चुदाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर तुम्हें मजा न आये तो कहना.

राखी को मैं अपनी बातों में उलझा लेना चाहता था ताकि वो गांड चुदवाने के लिए तैयार हो जाये. एक बार उसकी गांड में लंड डालने भर की देर थी. उसके बाद तो उसको मजा देना मेरा काम था. मेरे काफी समझाने के बाद भी उसको मेरी बात का यकीन नहीं हो रहा था. वो अपनी गांड में मेरा लंड लेने के लिए तैयार नहीं हो पा रही थी.

तभी मुझे ख्याल आया कि मेरे मोबाइल फोन में औरत की गांड चुदाई के कुछ वीडियो होंगे. मैंने फटाक से वीडियो चला कर राखी को दिखाना शुरू कर दिया. वो ध्यान से वीडियो को देखने लगी. वीडियो दस मिनट का था और इन्हीं दस मिनट में मैंने उसको गांड चुदाई के लिए तैयार करना था.

राखी से मैंने कहा कि तुम पेट के बल लेट कर वीडियो देख लो. तब तक मैं तुम्हारी चूत को चाट लेता हूं. वो मेरी बात मान गयी. उसने अपना आधा शरीर बेड पर रख लिया और नीचे का हिस्सा बेड से नीचे कर लिया. उसकी चूत और गांड दोनों ही मेरे सामने थीं. मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. वो गांड उठा कर चूत चटवाने का मजा लेने लगी.

अब मैंने उसकी व्यस्तता का फायदा उठाते हुए उसकी गांड पर भी जीभ को चलाना शुरू कर दिया. वीडियो में भी वो आदमी एक औरत की गांड चुदाई जबरदस्त तरीके से कर रहा था और वो औरत मजा लेकर उस चुदाई का आनंद ले रही थी.

ऐसे ही करते करते मैंने राखी की गांड में पूरी जीभ डाल दी. उसकी गांड को अपनी जीभ से बिल्कुल गीली और चिकनी कर दिया. उसकी गांड भी मेरी जीभ को आसानी से अंदर बाहर होने दे रही थी.

जब वो वीडियो खत्म हुई तो राखी गांड उठा-उठा कर अपने छेद में मेरी जीभ का मजा ले रही थी. फिर बोली कि जीजू बहुत मजा आ रहा है. अब गांड का उद्घाटन भी कर ही दो. मैं भी देखना चाहती हूं कि गांड चुदाई में क्या मजा है.

मैंने कहा- बिल्कुल मेरी जान, अगर सुहागरात के दिन ही तुम अपनी गांड को चुदवा लेती तो आज इतनी देर नहीं लगाती.
बस इस क्रिया में पहली बार में थोड़ा दर्द होता है. मगर एक बार जब गांड खुल गई तो फिर खुद ही कहा करोगी कि जीजू पहले गांड को चोदो और उसके बाद चूत की चुदाई करना.

वो बोली- क्या करूं जीजू, मेरी शादी ही ऐसे चूतिया आदमी से हो गई थी. उसने कभी मेरी गांड की तरफ ध्यान ही नहीं दिया. वरना आज मैं आसानी से आपके लंड से अपनी गांड चुदाई का मजा ले रही होती.

मैंने कहा- कोई बात नहीं, अभी भी देर नहीं हुई है. आज मैं बस एक बार तुम्हारी गांड को खोल दूं तो उसके बाद तो अगली बार से तुम आराम से मेरा लंड अपने पीछे वाले छेद में ले लिया करोगी.

वो बोली- वो सब तो ठीक है लेकिन अभी जो दर्द होने वाला है उसको मैं बर्दाश्त कैसे करूंगी?
मैंने कहा- उसके लिए मैं तुम्हें पहले से ही एक दवाई दे दूंगा. यहां अमेरिका में वह दवाई हर जगह मिल जाती है. रुको मैं जरा चेक करता हूं.

मैंने मेडिसिन बॉक्स को चेक किया तो उसमें एक पेन किलर मिल गई. मैंने उसको पानी का गिलास भर कर दिया और वो गोली खाने के लिए कह दिया. उसने गोली खा ली और मैंने उसकी टांगों को अपने सामने उठा लिया.

वो बोली- जीजाजी, पहले एक बार आगे ही कर लो. उसके बाद नीचे वाले में कर लेना.
मैं मन ही मन उसको गाली देने लगा. साली को कितना समझाया लेकिन अभी भी नहीं मान रही है. फिर मैंने उसको एक पैग और बना कर दे दिया. उसको पांच मिनट के बाद सुरूर चढ़ने लगा.

अब मेरे लिए सही मौका था. वो नशे में थी और मुझे भी दारू और हवस का नशा चढ़ा हुआ था. मैंने अपने लंड पर थूक कर उसको अच्छी तरह से चिकना कर लिया. फिर उसकी गांड के छेद पर थूक कर उसको भी चिकना कर दिया. उसको पेट के बल करके लिटा दिया. उसकी गांड मेरे सामने उठी हुई थी.

उसके चूचों को अपने हाथों से पकड़ कर जोर दबाया और उनको पीने लगा. वो तड़पने लगी. कहने लगी- जीजू, जहां मन करे वहां डाल दो लेकिन अब और मत तड़पाओ. आज से आप ही मेरे पति हो. जहां मन करे वहां अपना लंड डाल कर चोदो मुझे.

मैंने उसकी गांड के छेद पर लंड को लगा दिया और उसकी गांड के छेद को अपने लंड से रगड़ने लगा. वो अभी थोड़ी असमंजस में थी कि पता नहीं क्या होने वाला है. इसके पहले उसने अपनी गांड में लंड को नहीं लिया था इसलिए उसकी गांड को अभी लंड के मजे का अहसास नहीं था. वही अहसास मैं उसके अन्दर जगाना चाहता था.

कुछ देर तक अपनी साली की गांड पर लंड को रगड़ने के बाद वो गांड को मेरे लंड की तरफ करने लगी. मैं समझ गया कि उसको गांड पर लंड लगवाने में मजा आ रहा है. मैंने थोड़ा सा थूक और लगा दिया. उसकी गांड को और ज्यादा चिकनी कर दिया.

फिर हल्का सा जोर लगाया तो एकदम से उचक गई. ये पहला वार था. इतना सा हमला करके मैंने लंड को फिर से उसकी गांड पर रगड़ना शुरू कर दिया. जब वो दोबारा से नॉर्मल हो गई तो मैंने दूसरी बार धक्का मारा. अबकी बार उसकी गांड के छेद में सुपारा एक इंच तक घुस गया लेकिन वो उछल पड़ी.

उसकी गांड में लंड डालना इतना आसान नहीं लग रहा था मुझे. अब कोई दूसरा रास्ता अपनाना था. मैंने उसकी गांड में सीधे लंड डालने की बजाय उसको दूसरे तरीके से उत्तेजित करना था.

अब मैंने उसकी गांड पर लंड को बाहर ही लगा कर उसकी पीठ को चूमना शुरू कर दिया. उसकी गर्दन को चूमने लगा. अब मेरे हाथ उसकी चूचियों पर चले गये.

मेरे होंठ उसकी पीठ को चूम रहे थे और हाथ उसकी चूचियों को दबा रहे थे. उसके बाद मैंने उसकी चूचियों को दबाते हुए लंड को गांड पर धीरे-धीरे दबाना शुरू किया. वो अभी चूचे दबवाने के ध्यान में थी.

जब लंड गांड के छेद पर जाकर टकराने लगा तो मैंने उसकी पीठ को दांतों से काटते और चूमते हुए उसकी गांड में धीरे-धीरे लंड को सरकाना शुरू कर दिया उसकी गांड धीरे धीरे लंड को लेते हुए खुलने लगी. जब मुझे अहसास हुआ कि साली गांड में मेरे लंड का सुपारा दाखिल हो चुका है तो मैंने थोड़ा सा और जोर लगाया. जोर लगाने पर उसकी गांड में लंड घुसने लगा लेकिन अंदर सरक नहीं रहा था.

कुछ पल का विराम देकर मैंने उसके चूचों को जोर से दबाया और उसके साथ ही एक झटका देकर उसकी गांड में लंड को आधी लम्बाई तक फंसा दिया. वो छटपटाने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी.

उसकी छटपटाहट को देखते हुए मैंने वहीं पर लंड को रोक दिया और उसको किस करने लगा. दो मिनट तक उसको चूमता रहा और वो सामान्य हो गयी. अभी तक केवल आधा रास्ता ही तय हुआ था. बाकी का आधा रास्ता तय करना अभी बाकी था.

फिर विराम देने के बाद मैंने राखी की गांड में लंड को हिलाना शुरू किया. उसने सोचा कि शायद लंड अब और अंदर नहीं जायेगा. इसलिए वो कोई विरोध नहीं कर रही थी. कुछ देर तक मैं धीरे-धीरे अपने लंड को उसकी गांड में ऐसे ही फंसाये हुए उसको किस करता रहा.

कुछ देर के बाद फिर से लंड को चलाना शुरू किया. अब उसकी गांड लंड के लिए और अंदर आने की जगह बनाने लगी थी. उसके बाद मैंने धीरे-धीरे लंड को सरकाते हुए उसकी गांड में अपना लंड पूरा का पूरा धकेल दिया.

उसने अब आराम से मेरे लंड को गांड में समा लिया और अब बारी चुदाई की थी. मैंने उसकी गांड में लंड के धक्के देने शुरू किये. शुरूआत के कुछ धक्कों में उसको दर्द हुआ लेकिन फिर वो सामान्य होती चली गई.

अब साली की गांड की चुदाई शुरू हो चुकी थी. मैंने तेजी से उसकी गांड को चोदना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में उसको मजा आने लगा. उसके मुंह से आवाजें निकलने लगीं- आह्ह … जीजू बहुत मजा आ रहा है. करो जीजू … आह्ह … करते रहो.

मैं- हां साली रंडी, आज तेरी गांड को चोद चोद कर खोल दूंगा. साली अगर पहले ही गांड चुदवा लेती तो मुझे आज इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती. आज तेरी गांड को ऐसा मजा दूंगा कि तू हमेशा याद रखेगी.

अब हम दोनों के मुंह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.
बोली- जीजू, जब आप झटके देते हो तो बहुत मजा आता है. ऐसे ही करो.
राखी अब गांड चुदाई का पूरा मजा लेने लगी थी.

उसकी गांड की नॉन स्टॉप चुदाई अब शुरू हो गई थी.
बोली- साले भड़वे कहां था तू इतने दिन से. बहुत मजा देता है तू तो. आह्ह … जोर से चोद, रंडी की औलाद. बहुत मजा आ रहा है.

मैं भी जितना जोर लगा कर ठोक सकता था उसकी गांड को ठोकने लगा. मेरा पानी भी अभी नहीं निकलने वाला था. फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर उसको पीछे ले आया और बोला- मेरी गोलियों को सहला.

वो एक हाथ से मेरी गोलियों को सहलाने लगी. बहुत मजा आ रहा था. उसकी गुदाज गांड को चोद कर लंड को तृप्ति सी मिलने लगी थी. पांच मिनट तक वो मेरी गोलियों को सहलाती रही और मैं उसकी गांड में लंड के धक्के देता रहा.

उसके बाद मैंने उसकी गांड को जोर से ठोकना शुरू कर दिया क्योंकि अब मेरा स्खलन नजदीक ही हो चला था. मैंने कहा- अब मेरा निकलने वाला है.
वो बोली- जितना जोर लगा सकते हो लगा दो.

मैंने दे दनादन उसकी गांड को चोदना शुरू कर दिया. आठ दस शॉट लगाने के बाद उसकी गांड में मेरे वीर्य का फव्वारा सा छूटने लगा.

आह्ह … ओ … म्म … आह्ह … करते हुए मैं उसकी गांड में झड़ने लगा और सारा माल उसकी गांड में भर दिया. फिर मैं उसके ऊपर ही गिर पड़ा. वो भी मेरे नीचे ही लेटी रही. दस मिनट के बाद उसने उठने के लिए कहा.

मुझे जब होश आया तो मैंने उसकी गांड से लंड को बाहर खींचा और देखा तो मेरे लंड पर खून लगा हुआ था. उसकी गांड को चोद कर फाड़ दिया मेरे 8 इंची लौड़े ने. जैसे ही लंड बाहर निकला तो वो जोर से चीखी. उसको शायद जलन हो रही थी.

उसकी गांड एकदम खुल कर रह गई थी. मैंने उसके चूतड़ों को सहलाते हुए उसे थोड़ी राहत देने की कोशिश की और फिर कुछ देर के बाद वो सामान्य हो गई लेकिन उसकी गांड से खून बहना बंद नहीं हो रहा था.
उसके उठने पर पता चला कि नीचे बेड की चादर पर भी खून लग गया है.

उठने के बाद मैंने अपने जानकार को फोन लगा कर सारी बात बता दी क्योंकि स्थिति गंभीर हो गई थी. उसकी गांड से खून को रोकना जरूरी था. मैंने जानकार से कहा कि जल्दी ही कोई लेडी डॉक्टर भेज दे ताकि मेरी साली की फटी हुई गांड की सिलाई की जा सके.

कपड़े पहनने के बाद मैं डॉक्टर का इंतजार करने लगा. इस बीच मुझसे जितना हो सका आस-पास सफाई कर दी थी. उसके बाद पंद्रह-बीस मिनट गुजरने के बाद एक लेडी डॉक्टर हमारे रूम पर आ पहुंची.

उस लेडी डॉक्टर की उम्र करीब 30 साल रही होगी. फिगर 32-28-32 का लग रहा था देखने में. उसने आते ही अंग्रेजी में बोलना शुरू कर दिया. अमेरिकन जैसे खड़ी अंग्रेजी बोलते हैं और उनकी स्पेलिंग भी ठीक से समझ नहीं आती है.

मुझे उसकी कोई बात ठीक ढंग से समझ नहीं आ रही थी तो मैंने दुभाषिये को फोन लगा दिया. फोन का स्पीकर ऑन कर दिया. अब दुभाषिये का डॉक्टर से सीधा संवाद होने लगा. वो पूछ रही थी कि ये सब कैसे हो गया.

उसके बाद उसने साली के ऊपर से रजाई को हटाया. उसकी गांड को अच्छी तरह से देखा और जांचा कि गांड कहां-कहां से और कितनी फटी हुई है.

कहानी अंतिम भाग में जारी रहेगी.
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