अजनबी लड़के से चूत की प्यास बुझाई

हाई फ्रेंड्स, मैं रूचि शर्मा हूँ. आजकल में दिल्ली में रह रही हूँ. मेरी उम्र अभी कुछ ज्यादा नहीं है मात्र 25 साल. मेरा जिस्म बड़ा ही गदराया हुआ है. जब मैं बाहर निकलती हूं, तो सब लोग मुझे ऐसे घूरते हैं जैसे मुझे अभी के अभी चोद देंगे. हालांकि मुझे भी उनकी कामुक नजरों को देख कर बड़ा मजा आता है.

साथ ही मुझे अपने आपको चुदवाने में भी बड़ा मजा आता है. मेरा बॉयफ्रेंड मुझे खूब चोदता है. अब तक मैं दो बार में अलग अलग आदमियों से चुद चुकी हूं. मैं आज उसी में से एक अनुभव को आप लोगों के सामने शेयर करना चाहती हूं.

मुझे लोगों से सेक्स चैट करना सेक्स वीडियो कॉल करना और रियल में भी सेक्स करना बहुत पसंद है, इसलिए मैं अन्तर्वासना पर अपनी कहानियां लिख रही हूं ताकि वहां से मुझे बहुत सारे ई-मेल आयें.

एक बार मुझे ईमेल पर एक ऐसा ही दोस्त मिला, जिसने स्टार्टिंग में मुझसे सेक्स चैट की, बाद में वीडियो कॉल और फिर रियल में सेक्स करने का ऑफर दिया. हम दोनों दिल्ली में मिले, वह वीडियो में मेरा जिस्म देखकर पागल हो गया था. मुझे देख कर उसकी लालसा इतनी अधिक बढ़ गई थी कि वो मुझे दिन-रात चोदना चाहता था.

उससे मेरी काफी दिनों तक चैट हुई. वह मुझसे बार-बार कहता था- मैं आपको बस चोदना चाहता हूं.
मुझे भी उसका ये कहना बड़ा अच्छा लगता था.

फिर हम दोनों दिल्ली में ही एक जगह मिले. वो एक होटल था, हमने उधर एक रूम ले लिया था. उस कमरे में मैं पूरा दिन उसके साथ रही.

जब हम पहली बार में एक दूसरे से मिले तो दोनों थोड़ा नर्वस थे … क्योंकि दोनों का पहली ही बार था. उसके बाद तो मैं तीन-चार लोगों से और मिल चुकी हूं. लेकिन उस बंदे के साथ वो मेरा सबसे पहला अनुभव था. इसलिए वो मुझे यादगार के तौर पर बड़ा ही मस्त लगता है. मैं आज उसी अनुभव को आपके सामने शेयर कर रही हूं.

हम होटल में कमरे में आ गए. बाहर से हम दोनों एक साथ ही होटल में एक कपल के रूप में घुसे थे. उसने मुझे अपनी विवाहिता बता कर रूम बुक किया था. कमरे में आने के बाद बेड के एक किनारे पर मैं बैठ गई. वह दरवाजे को बंद करके मेरे सामने बिस्तर पर बैठ गया.

पहले तो कुछ देर तक हम दोनों ने एक दूसरे से थोड़ी बातें की. फिर धीरे से वो मेरे करीब आया और मेरे बालों में अपना हाथ फिराने लगा. मुझे उसके साथ बहुत शर्म आ रही थी, इसलिए मैंने अपनी गर्दन झुका ली.

उसके बाद उसने मुझे माथे पर किस किया. शायद वह मेरी झिझक दूर करना चाहता था, लेकिन मेरा चेहरा लाल हो गया था. वह समझ गया और मेरे लिए एक गिलास पानी लेकर आया. मैंने पानी पिया, मैं थोड़ी नॉर्मल हुई.

कुछ देर बाद फिर उसने मुझे बेड पर लेटा दिया. वो भी मेरे साथ ही लेट गया. हम दोनों एक दूसरे से एकदम चिपक कर लेट गए थे. उसने अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख ली और मुझे चूमने लगा. मैंने भी उसकी छाती में सर छिपा लिया. वो मुझे सहलाने लगा. मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया.

वो मेरी पेशानी पर चूमने लगा … धीरे-धीरे उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखते हुए मुझे लिप किस किया. अब मेरी चुदास बढ़ने लगी थी. मैंने अपनी गरम सांसें उसकी सांसों से लड़ाना शुरू कर दीं.

अब उसने मेरी टी-शर्ट के ऊपर से ही मेरी चूचियों को सहलाया. मैंने भी उसके हाथों को अपने मम्मों पर दबा दिया. वो समझ गया और उसने मेरी टी-शर्ट को ऊपर कर दिया. इससे मेरा पेट दिखने लगा. मैंने अपने हाथ अपने पेट पर रख लिए थे. उसने वो मेरे पेट से मेरे हाथों को हटाया और मेरे पेट पर किस करने लगा. उसके गर्म होंठों का स्पर्श मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैं तो पागल सी होती जा रही थी.

फिर धीरे से उसने मेरी टी-शर्ट को और ऊपर उठाया और मेरे मम्मों तक ले आया टी-शर्ट और ब्रा के ऊपर से ही मेरे मम्मों पर किस करने लगा. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने भी अपने हाथों से उसकी कमर की कोली भर ली. मुझसे रहा नहीं जा रहा था.

मेरी वासना समझ कर उसने धीरे से मेरी टी-शर्ट को पूरा निकाल दिया. अब मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा में थी.

मेरा गोरा बदन देख कर उसकी आंखों में चमक आ रही थी. मेरे मम्मों का साइज 32 इंच का है. वो उन्हें हाथों में लेकर ब्रा के ऊपर से ही वह खूब दबा रहा था. फिर उसने एक झटके से मेरी ब्रा को मेरे चूचों से अलग कर दिया और मेरे एक दूध को मुँह में लेकर गपागप चूसने लगा. उसके होंठों से मुझे मेरे निप्पल चुसवाने में बहुत अच्छा लग रहा था.

इस सबसे मेरी चुदास अत्यंत बढ़ गई थी और नीचे मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था. मैं बहुत गीली हो गई थी.

फिर धीरे से उसने मेरी पैंट को निकाल दिया. अब मैं उसके सामने पैंटी में रह गई थी. कुछ देर बाद उसने मेरी पैंटी को भी मेरी चूत से अलग कर दिया. मेरी पेंटी पर भी थोड़ा पानी लगा था, जो उसके मम्मों के चूसने से गीली हो गई थी.

मेरा नंगा चिकना बदन उसके सामने था मेरी गोरी गोरी जांघें उसके सामने खुली पड़ी थीं. वो मेरी नंगी संगमरमरी देह को बहुत वासना से घूर रहा था. मैं भी उसके नजरों को पढ़ रही थी.

फिर वह धीरे से नीचे को झुका और उसने मेरी जांघों पर किस करना शुरू कर दिया. फिर वो जांघों से धीरे धीरे मेरी चूत तक आ गया. मेरी सांसें एकाएक तेज हो गईं, वो मेरी चूत को चूस रहा था. मैं बहुत तड़प रही थी. क्योंकि ये मेरा पहली बार था, जब कोई मर्द मेरी चूत को चूस रहा था.

मैंने पहली बार में कुछ ही पलों में चूत से पानी छोड़ दिया. मैं झड़ गई थी, लेकिन चुदने का एक ऐसा भूत सवार था कि मैं फिर से तैयार हो गई.

वह मुझे किस करता हुआ जा रहा था. फिर उसने मेरे मम्मों को खूब दबा दबा कर पिया. उसका लंड भी गीला हो गया था और मेरी चूत तो पहले ही गीली हो गई थी.

ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे में खोए हुए थे. कब उसने मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया, मुझे पता ही नहीं चला. चूत ज्यादा गीली होने के कारण मुझे बस हल्का सा एहसास हुआ कि मेरी चूत में लंड डाला जा चुका है, अब मैं बस चोदन का मजा लेना चाहती थी. मैंने उसकी कमर को अपने हाथों से जकड़ लिया और अपने पैरों से उसके पैरों को बांध सा लिया.

पांच मिनट तक मेरी चुदाई करने के बाद वह उसी अवस्था में मेरे अन्दर ही झड़ गया क्योंकि उसका भी पहली बार था. हम दोनों को इस चुदाई में काफी मजा आया.

फिर हम 15-20 मिनट के लिए अलग हो गए. हम थोड़े फ्रेश हुए और कुछ देर बाद फिर से हमारा मन करने लगा.

अबकी बार उसने मुझसे कहा कि मैं उसका लंड अपने मुँह में ले लूं.
मैंने आज तक लंड चुसाई का खेल सिर्फ ब्लू फिल्मों में देखा था पर मैं पहली बार लंड चूसने जा रही थी.

मैंने धीरे धीरे उसके लंड पर किस करना शुरू किया. उसने अपने हाथ मेरे सिर पर लगाया और धीरे से लंड को मेरे मुँह के अन्दर करने लगा. मैं समझ गई कि वो अपना लंड ज्यादा से ज्यादा मेरे मुँह में अन्दर देना चाहता है. मैंने अपना मुँह थोड़ा और खोल दिया और उसका आधा लंड मेरे मुँह में चला गया. उसके मुँह से आह निकलने लगी … उसे बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी मजा आने लगा था.

जिस चीज को आज तक मैं सिर्फ देखती थी, मैं वह आज कर रही थी. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने बहुत देर तक उसका लंड चूसा. मेरे मुँह से लार का पानी निकलने लगा … जिससे उसका लंड एकदम रसीला सा हो गया.

फिर उसने मुझे उठाया और बेड पर घोड़ी बना दिया. उसने पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. मैं पहली बार घोड़ी बनी थी, तो मुझे लंड लेने में बहुत दर्द हो रहा था … लेकिन धीरे धीरे इसी अवस्था में सेक्स करने के बाद मुझे सब सामान्य लगने लगा. अब मुझे मज़ा आ रहा था.

मैंने उससे कहा- प्लीज और तेज करो … मुझे अच्छा लग रहा है.

उसने मेरी कमर की कोली भरकर और तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए. लेकिन शायद उसका लंड ज्यादा अन्दर तक चला गया था, जिस वजह से फिर मुझे दर्द होने लगा. यकायक लंड की ठोकर लगने से मैं चिल्ला पड़ी. वह एकदम से लंड को बाहर करके रुक गया और मेरी चूचियां मसलने लगा. मुझे चैन आया, तो उसने फिर से लंड पेलना चालू कर दिया.

फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए, वह मेरे चूतड़ों की कोली भरकर मेरी चूत को जीभ से चोद रहा था और मैं भी उसका लंड चूस रही थी.

हम दोनों काफी मजा ले रहे थे, इस अवस्था में उसने अपना पानी छोड़ दिया क्योंकि वह मेरी चूत चाट रहा था … तो मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.

उसने लंड से रस अचानक से छोड़ दिया, जिस कारण मैं उसका सारा पानी पी गई. शुरुआत में मुझे थोड़ा अजीब सा लगा, पर फिर मुझे उस रस का स्वाद बड़ा ही मस्त लगा. मैं चटखारे ले ले कर उसके रस को गटकने लगी. मैं भी झड़ गई, तो उसने भी मेरी चूत के रस को चाट कर साफ़ कर दिया.

हम दोनों कुछ देर के लिए वापस अलग हो गए. अब हमें बहुत तेज भूख लग रही थी. फिर हमने कुछ खाने के लिए मंगाया.

करीब एक घंटे बाद फिर हम दोनों एक दूसरे को चोदने की तैयारी करने लगे. अबकी बार वो सीधा लेट गया और उसने मुझे अपने ऊपर बुलाया. मैं उसके लंड पर बैठ गई तो उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. वो मेरे मम्मों को अपने मुँह में ले लिया और अपने हाथ मेरी कमर पर फिराने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था. वो कभी मेरे मम्मों को किस करता, कभी मेरे होंठों पर कभी, मेरे कान पर, कभी गर्दन पर. मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था. मैं पहली बार किसी मर्द का साथ दे रही थी.

अपने ऊपर बैठा कर उस दिन उसने बहुत देर तक मुझे ऐसे ही चोदा था और ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे की कोली भरकर झड़ गए थे. मेरी चूत से वीर्य निकल कर उसके लंड और आंडों पर बह रहा था.

फिर उसने मुझसे कहा- रुचि आप जैसा बोलो, मैं करने के लिए तैयार हूं … पर कभी मेरा साथ नहीं छोड़ना.
मैंने भी आंखें झुका करा हामी कर दी.

फिर हम लोगों ने अपने कपड़े पहने और एक दूसरे घर आने के लिए चल पड़े.

वो पूरा दिन मेरे लिए ज़न्नत के समान था. उस दिन मैं इतना अधिक चुद चुकी थी कि बस पूछो ही मत.

अपने घर जाकर मुझे ऐसी नींद आई कि मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कहां हूं. यह एक ऐसा अनुभव था, जिसमें हम अच्छे से मिले भी … और नहीं भी … क्योंकि दोनों का पहली बार था. हम दोनों ही मैच्योर तरीके से तो सेक्स नहीं कर पाए थे, लेकिन जैसे भी हुआ था, बहुत मजा आया था.

मैं आज भी उससे मिलती हूं, वह मेरी हर तरह से मदद करता है.

क्या वाकिया था वो लाइफ का … यह भी अन्तर्वासना की सेक्स कहानी से मिले एक दोस्त ने मेरे साथ सेक्स किया और हमारी कहानी चुदाई तक चली गई. सिर्फ एक दूसरे से प्यार और भरोसे के बदौलत ही हम दोनों ने ये लुत्फ़ उठाया था. आजकल लोग अनजान व्यक्ति पर भरोसा नहीं कर पाते हैं, पर कितनी बार अगर भरोसा कर लिया जाए … तो कुछ अच्छा होने की उम्मीद भी हो जाती है.
मैंने अपना पहला अनुभव आप लोगों के सामने शेयर कर दिया, आपको यह मेरा अनुभव कैसा लगा, कृपया मुझे मेरे ईमेल पर जरूर बताएं.
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